नैनीतालः रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा समेत अन्य लोगों की ओर से नगर निगम की नजूल भूमि में बिना नक्शा पास कराए 5 मंजिला व्यावसायिक भवन बनाने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने समय पर शपथ पत्र पेश नहीं करने पर हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है. साथ ही शपथ पत्र पेश करने को कहा है. इसके अलावा कोर्ट ने प्रदीप बत्रा की दूसरी कंपाउंडिंग एप्लीकेशन पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी है.
दरअसल, रुड़की निवासी मुकेश गोयल ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. जिसमें कहा है कि रुड़की से बीजेपी विधायक प्रदीप बत्रा और अन्य लोगों ने नगर निगम की नजूल भूमि पर अतिक्रमण कर पांच मंजिला व्यावसायिक भवन का निर्माण कर दुकानों को किराए पर दिया जा रहा है. जब इसकी शिकायत विकास प्राधिकरण से की गई तो प्रदीप बत्रा ने इसको कंपाउंड कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया. कंपाउंड कराते वक्त प्राधिकरण ने ये शर्त रखी कि तीन मंजिला से ज्यादा निर्माण नहीं किया जाएगा.
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हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने बेसमेंट में 50 प्रतिशत पार्किंग और 50 प्रतिशत व्यावसायिक कार्य के लिए इस्तेमाल तो तीसरी मंजिल में रेजिडेंशियल बनाने को कहा था, लेकिन इसकी आड़ में उन्होंने पांच मंजिला व्यावसायिक निर्माण करा दिया. साथ ही दुकानें बनाकर उसे किराए पर दिया जा रहा है. चौथी और पांचवी मंजिल को कंपाउंड कराने के लिए उन्होंने फिर से प्रार्थना पत्र दिया. जिसको आज कोर्ट में फिर से चुनौती दी गई. मामले की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने 4 हफ्ते के बाद की तिथि नियत की है.