नैनीताल: उत्तराखंड की जेलों में वरिष्ठ जेल अधीक्षक और अधीक्षक कारागार के पदों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.
काशीपुर निवासी अधिवक्ता संजीव कुमार आकाश ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था. इस याचिका में राज्य की जिला जेलों में वरिष्ठ जेल अधीक्षक और जेल अधीक्षक के करीब 7 पद रिक्त थे. राज्य सरकार द्वारा 12 फरवरी 2021 को एक शासनादेश जारी कर पुलिस विभाग द्वारा भरने का आदेश जारी किया गया, जो गलत है.
सरकार के इस शासनादेश को याचिकाकर्ता ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि जेल का जिम्मा सरकार द्वारा पुलिस को दिया गया तो न्यायिक हिरासत और पुलिस हिरासत में कोई अंतर नहीं रहेगा. सरकार के इस फैसले से जेल में कैदियों के साथ दुर्व्यवहार होगा. लिहाजा सरकार के इस फैसले पर रोक लगाई जाए.
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मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाब शपथ पत्र के माध्यम से हाईकोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.