नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में ओमीक्रोन व कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चुनाव व रैलियों को स्थगित किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने मामले को सुनने के बाद चुनाव आयोग और भारत सरकार से पूछा है कि क्या चुनाव रैलियां वर्चुअली और वोटिंग ऑनलाइन हो सकती है. साथ ही कोर्ट ने 12 जनवरी तक जवाब देने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जनवरी की तिथि नियत की है.
याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार पर लगाए ये आरोप: आज सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि चुनाव नजदीक हैं. प्रदेश में इतनी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. पिछले हफ्ते चुनाव कराने को लेकर आयोग ने चीफ सेक्रेटरी व अन्य के साथ बैठक की है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा कहा गया कि प्रदेश में कोरोना व ओमीक्रोन के केस बढ़ रहे हैं. राज्य सरकार केसों को डेली पोर्टल पर अपलोड नहीं कर रही है. न ही कोविड की एसओपी का पालन करा रही है.
कोर्ट में केजरीवाल के कोरोना संक्रमित होने का दिया हवाला: 3 जनवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देहरादून के परेड ग्राउंड में रैली की थी. रैली करके देहरादून से दिल्ली लौटने पर अरविंद केजरीवाल ने टेस्ट कराया तो वो कोरोना पॉजिटिव निकले. याचिकाकर्ता ने इसे भी सुबूत के तौर पर न्यायालय के सामने पेश किया. याचिकाकर्ता ने कहा है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोविड पॉजिटिव होने के बाद भी यहां रैली की है. इन पर रोक लगाई जाए.
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राज्य सरकार ने कहा कोविड से लड़ने को तैयार: राज्य सरकार की तरफ से मुख्य स्थायी अधिवक्ता चन्द्र शेखर रावत की तरफ से कहा गया कि सरकार कोविड से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है. डेली केसों को पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.
कोर्ट के सामने पेश की रैलियों की तस्वीरें: मामले के अनुसार अधिवक्ता शिव भट्ट ने हाईकोर्ट में पूर्व से विचाराधीन सच्चिदानंद डबराल व अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया सम्बन्धी जनहित याचिका में कोर्ट के आदेशों के विपरीत विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा कोविड नियमों के विपरीत की जा रही रैलियों की तस्वीरें संलग्न कर एक प्रार्थना पत्र पेश किया. इसमें उनके द्वारा कहा गया है कि इन रैलियों से कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी आशंका है. रैलियों में कोविड के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.
याचिकाकर्ता ने कहा ओमीक्रोन 300 गुना तेजी से फैल रहा: अधिवक्ता शिव भट्ट ने अपने प्रार्थना पत्र में कोरोना के नए वेरिएंट का जिक्र करते हुए कहा है कि यह कोविड के किसी भी अन्य संस्करण की तुलना में 300% से अधिक तेजी से फैल रहा है. इसलिए, लोगों के जीवन की रक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं को स्थगित किया जाए. याचिका में सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे अपनी रैलियां वर्चुअल रूप से ही करें. साथ ही अदालत से नए साल के जश्न के दौरान होने वाली पार्टियों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है. उन्होंने यह भी कहा है कि विधान सभा के चुनाव स्थगित किए जाएं. इस सम्बंध में चुनाव आयोग और भारत सरकार को निर्देश दिए जाएं.
उत्तराखंड में चुनावी रैलियां: उत्तराखंड में अगर चुनावी रैलियों की बात करें तो अब तक बड़े नेताओं की 8 रैलियां हो चुकी हैं. इनमें अभी तक दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सबसे ज्यादा रैलियां की हैं. दूसरे नंबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी हैं.
केजरीवाल कर चुके हैं 6 रैली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तराखंड में अब तक छह रैलियां कर चुके हैं. 3 जनवरी को केजरीवाल ने उत्तराखंड में 6वीं रैली की थी. केजरीवाल की चार रैलियां देहरादून, एक काशीपुर और एक हल्द्वानी में हो चुकी है. देहरादून की रैली के बाद केजरीवाल कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो रैली: उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो बड़ी रैलियां हो चुकी हैं. प्रधानमंत्री के पहली रैली देहरादून में हुई थी. इस रैली में विशाल जनसमूह उमड़ा था. पीएम मोदी की दूसरी रैली कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी में हुई थी. इस रैली में भी भारी भीड़ उमड़ी थी.
राहुल गांधी की एक रैली: कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की उत्तराखंड में अभी तक सिर्फ एक रैली हुई है. कांग्रेस का दावा है कि देहरादून में राहुल गांधी की रैली में एक लाख से ज्यादा लोग जुटे थे. उत्तराखंड कांग्रेस का तो ये भी दावा है कि इस रैली में देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की रैली से ज्यादा भीड़ उमड़ी थी.