नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने जसपुर में नालों के ऊपर से अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर पालिका द्वारा दिए गए नोटिस को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नगर पालिका के नोटिस को निरस्त कर दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नगर पालिका को निर्देश दिया कि वो फिर से मौके का मुआयना करे. इसके बाद भी अतिक्रमण पाया जाता है तो उसे विधि अनुसार निस्तारित करे.
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई. मामले में जसपुर निवासी मोहम्मद यासीन ने नगर पालिका द्वारा दिए गए नोटिस को चुनौती दी थी. उन्होंने हाईकोर्ट से कहा कि उन्होंने नालों के ऊपर कोई अतिक्रमण नहीं किया है. जिन दुकानों को नोटिस दिया गया है, वे दुकानें नगर पालिका द्वारा ही किराए पर दी गई हैं. वहीं, नोटिस देने से पहले नगर पालिका ने व्यापारियों की बातें भी नहीं सुनीं.
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पूर्व में कोर्ट ने जनहित याचिका में यह आदेश दिए थे कि उप जिलाधिकारी जसपुर और चेयरमैन नगर पालिका परिषद जसपुर इसका निरीक्षण करें. साथ ही कोर्ट ने उपजिलाधिकारी को यह भी निर्देश दिए थे कि अगर नालों के ऊपर अतिक्रमण हुआ है तो अतिक्रमण को विधि अनुसार हटाएं. जिसपर कार्रवाई करते हुए नगरपालिका द्वारा सभी दुकानदारों को नोटिस दिए गए थे.
जसपुर निवासी नितिन कुमार ने याचिका दायर करते हुए कहा था कि जसपुर में नालों के ऊपर लोगों ने अतिक्रमण कर पक्के मकान एवं दुकानें बना डाली हैं. जिसके कारण बारिश में नाले चोक हो जाते हैं और गंदा पानी आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाता है.