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रुड़की शराब कांड में जनहित याचिकाकर्ता को मिली धमकी, SSP को सुरक्षा मुहैया करवाने के निर्देश

कुछ दिन पहले हरिद्वार में जहरीली शराब पीने से कई लोगो की मौत हो गई थी, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उसके बाद जब वो काशीपुर में अपने घर वापस जा रहे थे तभी कुछ अज्ञात लोगों ने जनहित याचिका को वापस लेने का दवाब बनाया. साथ ही वापस नहीं लेने पर जान से मारने की धमकी दे दी. इस घटना के बाद याचिकाकर्ता ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

नैनीताल कोर्ट.
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Published : Mar 14, 2019, 11:43 AM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने जहरीली शराब के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. याचिका कर्ता को घर जाते समय कुछ अज्ञात लोगों ने जान से मारने की धमकी दी. साथ ही याचिका वापस लेने का दवाब बनाया, जिसके बाद कोर्ट ने एसएसपी उधम सिंह नगर से याचिकाकर्ता को पुलिस सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं.

याचिकाकर्ता ने बताया कि कुछ दिन पहले हरिद्वार में जहरीली शराब पीने से कई लोगो की मौत हो गई थी, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उसके बाद जब वो काशीपुर में अपने घर वापस जा रहे थे तभी कुछ अज्ञात लोगों ने जनहित याचिका को वापस लेने का दवाब बनाया. साथ ही वापस नहीं लेने पर जान से मारने की धमकी दे दी. इस घटना के बाद याचिकाकर्ता ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

काशीपुर निवासी याचिकाकर्ता प्रमोद शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों में रुड़की और सहारनपुर में जहरीली शराब पीने से 42 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन सरकार ने जहरीली शराब बेचने और बनाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. इसके चलते याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई.

बता दें कि जनहित याचिका दायर करने से एक दिन पूर्व सरकार ने आईजी गढ़वाल की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय एसआईटी गठित की थी. साथ ही इस कमेटी ने जिला आबकारी अधिकारी सहित 13 अन्य लोगों को निलम्बित कर दिया था. वहीं इस मामले पर आईजी गढ़वाल से तीन सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा था.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने जहरीली शराब के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. याचिका कर्ता को घर जाते समय कुछ अज्ञात लोगों ने जान से मारने की धमकी दी. साथ ही याचिका वापस लेने का दवाब बनाया, जिसके बाद कोर्ट ने एसएसपी उधम सिंह नगर से याचिकाकर्ता को पुलिस सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं.

याचिकाकर्ता ने बताया कि कुछ दिन पहले हरिद्वार में जहरीली शराब पीने से कई लोगो की मौत हो गई थी, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उसके बाद जब वो काशीपुर में अपने घर वापस जा रहे थे तभी कुछ अज्ञात लोगों ने जनहित याचिका को वापस लेने का दवाब बनाया. साथ ही वापस नहीं लेने पर जान से मारने की धमकी दे दी. इस घटना के बाद याचिकाकर्ता ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

काशीपुर निवासी याचिकाकर्ता प्रमोद शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों में रुड़की और सहारनपुर में जहरीली शराब पीने से 42 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन सरकार ने जहरीली शराब बेचने और बनाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. इसके चलते याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई.

बता दें कि जनहित याचिका दायर करने से एक दिन पूर्व सरकार ने आईजी गढ़वाल की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय एसआईटी गठित की थी. साथ ही इस कमेटी ने जिला आबकारी अधिकारी सहित 13 अन्य लोगों को निलम्बित कर दिया था. वहीं इस मामले पर आईजी गढ़वाल से तीन सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा था.

स्लग- सुरक्षा

रिपोर्ट- गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर- नैनीताल कोर्ट ने जहरीली शराब बेचने वालो के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकर्ता को एसएसपी ऊधम सिंह नगर से  पुलिस शुरक्षा देने को कहा है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शुद्धांशु धुलिया व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई। याचिकर्ता का कहना था कि कुछ दिन पूर्व उन्होंने हरिद्वार में जहरीली शराब पीने से कई लोगो की मौत हो गयी थी जिसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी उसके बाद जब वे काशीपुर में अपने घर वापस जा रहे थे तो कुछ अज्ञात लोगों ने जनहित याचिका को वापस लेने को कहा और नही वापस लेने पर उनको जान से मारने की धमकी दी जिसके बाद उनहोंने अज्ञात लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।   काशीपुर निवाशी प्रमोद शर्मा ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है था कि पिछले दिनों में रुड़की व सहारनपुर में जहरीली शराब पीने से 42 से अधिक मजदूरो की मौत हो गयी थी परन्तु सरकार ने जहरीली शराब बेचने व बनाने वालो के खिलाफ कोई कार्यवाही नही कर रही है । जिसके चलते उन्होंने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी जब जनहित याचिका दायर करने से एक दिन पूर्व सरकार ने आईजी गढ़वाल की अध्यक्षता में एक 5 सदस्यीय एसआईटी गठित की। उनके जनहित याचिका दायर करने पर इस कमेटी ने जिला आबकारी अधिकारी व 13 अन्य लोगो को निलम्बित कर दिया था सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि निलम्बित अधिकारी व अन्यो का इसमें क्या दोष है।मामले को सुनने के बाद खण्डपीठ ने अब तक की कार्यवाही पर आईजी गढ़वाल से तीन सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
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