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कैंची धाम: 15 जून को डेढ़ लाख भक्तों के पहुंचने की संभावना, यहीं हुआ था मार्क जुकरबर्ग-स्टीव जॉब्स के भाग्य का उदय - Uttarakhand Latest News Today

विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम में आयोजित होने वाले 15 जून के मेले को लेकर तैयारियां जोरों पर है. इस बार बड़ी 1.50 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के कैंची धाम पहुंचने की उम्मीद है.

Kainchi Dham
कैंची धाम
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Published : Jun 13, 2022, 7:51 PM IST

नैनीताल: विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम का 15 जून को स्थापना दिवस है. कैंची धाम स्थापना दिवस पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिसको लेकर मंदिर प्रबंधन के साथ ही प्रशासन भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है. पिछले दो सालों से कोरोना के चलते कैंची धाम में कोई कार्यक्रम नहीं हो रहा था. इसीलिए उम्मीद की जा रही है कि कैंची धाम के स्थापना दिवस पर स्थापना दिवस डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंचे सकते हैं.

वैसे तो उत्तराखंड के कण-कण में देवों का वास है और इसीलिए उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. यहां हर साल प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों का दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. इसी में एक नैनीताल जिले के भवाली में स्थिति विश्व प्रसिद्ध नीम करौली महाराज का कैंची धाम.
पढ़ें- Hanuman jayanti 2022: जिस Apple की दुनिया है फैन, उसका बाबा नीम करौली से है बड़ा कनेक्शन

मार्क जुकरबर्ग और स्टीव जॉब्स का प्रेरणास्थल: हर साल 15 जून कैंची धाम का स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम पहुंचते हैं. कैंची धाम का फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स की प्रेरणा स्थली भी रही है.

दो साल बाद होगा मेले का आयोजन: कोरोना महामारी के कारण हर साल कैंची धाम के स्थापना दिवस पर 15 जून को लगने वाला मेले दो साल से नहीं लग रहा था, लेकिन इस बार मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें डेढ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. बाबा के श्रद्धालु कनाडा, यूएस, जर्मनी और फ्रांस से भी आते हैं.
पढ़ें- बाबा नीम करौली के बड़े बेटे अनेग सिंह का निधन, भक्तों में शोक की लहर

एप्पल का लोगो बाबा का दिया हुआ: एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स भी बाबा के दर्शन के लिए यहां आ चुके हैं और जो एप्पल के उत्पादों में लोगो है. वह भी बाबा के द्वारा ही दिया गया है. बताते हैं कि बाबा ने स्टीव जॉब्स को अपने मुंह से कटा हुआ सेब दिया था, जिसको प्रेरणा मानते हुए स्टीव जॉब्स ने अपना लोगो बनाया और स्टीव जॉब्स को उसके बाद सफलता ही सफलता मिली.

ओबामा की जीत के लिए हुआ था पाठ: बाबा के भक्तों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का नाम भी सम्मिलित है. बताया जाता है कि ओबामा के चुनाव से पहले अमेरिका से एक दल मंदिर आया था और उन्होंने ओबामा की जीत के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया था.

यहां हुए कई चमत्कार: बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम का नाम ऐसे ही दुनियाभर में प्रसिद्ध नहीं है. यहां बाबा ने कई चमत्कार किए है. बताया जाता है कि मंदिर में काम करने वाले एक व्यक्ति का हाथ गर्म तेल की कढ़ाई में चला गया, जिस कारण उस व्यक्ति का हाथ पूरी तरह जल गया और सिर्फ हड्डियां ही हड्डियां बची थी. किसी ने मामले की जानकारी बाबा नीम करौली को दी.
पढ़ें- आपदा भी नहीं हिला पाई बाबा के इस धाम की नींव, आस्था से जोड़कर देख रहे लोग

लोग बताते है कि बाबा ने उस व्यक्ति को अपने पास बुलाया और उसके हाथ पर कंबल फेर. कंबल फेरते ही व्यक्ति का हाथ पहले की तरह हो गया. यह कोई एक घटना नहीं है, ऐसी कई घटनाएं हैं, जो बाबा ने भक्तों ने खुद देखी है.

बाबा नीम करौली के बारे में मान्यता: मान्यता के अनुसार बाबा नीम करौली महाराज को हनुमान जी का अवतार माना जाता है. बताया जाता है कि एक बार स्थानीय निवासी धर्मानंद तिवारी को नैनीताल से लौटते समय रात में काफी देर हो गई थी और उन्हें बीच रास्ते में भूत का डर लगने लगा. तभी एक व्यक्ति कंबल ओढ़े धर्मानंद को मिला और उसने बोला बेटा अभी तुमको गाड़ी मिल जाएगी, डरो मत. कुछ देर बाद धर्मानंद को गाड़ी मिल भी गई, जिसके बाद धर्मनंद ने बाबा से पूछा बाबा आप कौन हैं और अब कब दर्शन देंगे? बाबा 20 साल बाद मिलने की बात कहकर ओझल हो गए.

कहा जाता है कि 20 साल बाद बाबा ने तिवारी को फिर से दर्शन दिए और पुरानी बात बताई. साथ ही कहा कि उस स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाने को कहा. जिसके बाद 15 जून को बाबा के मन्दिर का निर्माण कराया गया. तभी से यहां हर साल 15 जून को मेला लगता और बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम का स्थापना दिवस मनाया जाता है.

नैनीताल: विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम का 15 जून को स्थापना दिवस है. कैंची धाम स्थापना दिवस पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिसको लेकर मंदिर प्रबंधन के साथ ही प्रशासन भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है. पिछले दो सालों से कोरोना के चलते कैंची धाम में कोई कार्यक्रम नहीं हो रहा था. इसीलिए उम्मीद की जा रही है कि कैंची धाम के स्थापना दिवस पर स्थापना दिवस डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंचे सकते हैं.

वैसे तो उत्तराखंड के कण-कण में देवों का वास है और इसीलिए उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. यहां हर साल प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों का दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. इसी में एक नैनीताल जिले के भवाली में स्थिति विश्व प्रसिद्ध नीम करौली महाराज का कैंची धाम.
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मार्क जुकरबर्ग और स्टीव जॉब्स का प्रेरणास्थल: हर साल 15 जून कैंची धाम का स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम पहुंचते हैं. कैंची धाम का फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स की प्रेरणा स्थली भी रही है.

दो साल बाद होगा मेले का आयोजन: कोरोना महामारी के कारण हर साल कैंची धाम के स्थापना दिवस पर 15 जून को लगने वाला मेले दो साल से नहीं लग रहा था, लेकिन इस बार मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें डेढ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. बाबा के श्रद्धालु कनाडा, यूएस, जर्मनी और फ्रांस से भी आते हैं.
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एप्पल का लोगो बाबा का दिया हुआ: एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स भी बाबा के दर्शन के लिए यहां आ चुके हैं और जो एप्पल के उत्पादों में लोगो है. वह भी बाबा के द्वारा ही दिया गया है. बताते हैं कि बाबा ने स्टीव जॉब्स को अपने मुंह से कटा हुआ सेब दिया था, जिसको प्रेरणा मानते हुए स्टीव जॉब्स ने अपना लोगो बनाया और स्टीव जॉब्स को उसके बाद सफलता ही सफलता मिली.

ओबामा की जीत के लिए हुआ था पाठ: बाबा के भक्तों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का नाम भी सम्मिलित है. बताया जाता है कि ओबामा के चुनाव से पहले अमेरिका से एक दल मंदिर आया था और उन्होंने ओबामा की जीत के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया था.

यहां हुए कई चमत्कार: बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम का नाम ऐसे ही दुनियाभर में प्रसिद्ध नहीं है. यहां बाबा ने कई चमत्कार किए है. बताया जाता है कि मंदिर में काम करने वाले एक व्यक्ति का हाथ गर्म तेल की कढ़ाई में चला गया, जिस कारण उस व्यक्ति का हाथ पूरी तरह जल गया और सिर्फ हड्डियां ही हड्डियां बची थी. किसी ने मामले की जानकारी बाबा नीम करौली को दी.
पढ़ें- आपदा भी नहीं हिला पाई बाबा के इस धाम की नींव, आस्था से जोड़कर देख रहे लोग

लोग बताते है कि बाबा ने उस व्यक्ति को अपने पास बुलाया और उसके हाथ पर कंबल फेर. कंबल फेरते ही व्यक्ति का हाथ पहले की तरह हो गया. यह कोई एक घटना नहीं है, ऐसी कई घटनाएं हैं, जो बाबा ने भक्तों ने खुद देखी है.

बाबा नीम करौली के बारे में मान्यता: मान्यता के अनुसार बाबा नीम करौली महाराज को हनुमान जी का अवतार माना जाता है. बताया जाता है कि एक बार स्थानीय निवासी धर्मानंद तिवारी को नैनीताल से लौटते समय रात में काफी देर हो गई थी और उन्हें बीच रास्ते में भूत का डर लगने लगा. तभी एक व्यक्ति कंबल ओढ़े धर्मानंद को मिला और उसने बोला बेटा अभी तुमको गाड़ी मिल जाएगी, डरो मत. कुछ देर बाद धर्मानंद को गाड़ी मिल भी गई, जिसके बाद धर्मनंद ने बाबा से पूछा बाबा आप कौन हैं और अब कब दर्शन देंगे? बाबा 20 साल बाद मिलने की बात कहकर ओझल हो गए.

कहा जाता है कि 20 साल बाद बाबा ने तिवारी को फिर से दर्शन दिए और पुरानी बात बताई. साथ ही कहा कि उस स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाने को कहा. जिसके बाद 15 जून को बाबा के मन्दिर का निर्माण कराया गया. तभी से यहां हर साल 15 जून को मेला लगता और बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम का स्थापना दिवस मनाया जाता है.

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