नैनीताल: सरोवार नगरी में हर साल लाखों पर्यटक घूमने आते है, जो यहां नैनी झील के साथ आसपास के पर्यटन स्थानों का भी दीदार करते हैं. इस सब से अलग नैनीताल का चिड़ियाघर भी पर्यटकों की पहली पसंद बनाता जा रहा है. इस कारण जीबी पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान की आमदनी हर साल बढ़ती जा रही है.
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आंकड़ों पर गौर करें तो नैनीताल चिड़ियाघर के राजस्व में हर साल बढ़ोतरी होती जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक, उत्तराखंड राज्य निर्माण से लेकर अबतक 32 लाख 52 हजार 833 देशी-विदेशी पर्यटकों ने जीबी पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान नैनीताल घूमने पहुंचे हैं, जिससे चिड़ियाघर प्रशासन को 5 करोड़ 83 लाख 64 हजार 200 रुपये राजस्व के रूप में मिले हैं.
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आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि साल दर साल नैनीताल आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है. जिससे नैनीताल चिड़ियाघर प्रबंधन का राजस्व भी बढ़ा है.
एक नजर आंकड़ों पर-
साल | पर्यटकों की संख्या |
2011-12 | 2 लाख 24 हजार |
2012-13 | 2 लाख 21 हजार 292 |
2013-14 | 1 लाख 71 हजार 160 |
2014-15 | 2 लाख 26 हजार 747 |
2015-16 | 2 लाख 78 हजार 893 |
2016-17 | 3 लाख 01 हजार 290 |
2017-18 | 3 लाख 23 हजार 661 |
2018-19 | 2 लाख 62 हजार 375 |
नैनीताल चिड़ियाघर में कुछ ऐसे प्राणी हैं, जो तराई क्षेत्रों के उद्यानों में नहीं रखे जा सकते हैं. इसलिए उन्हें नैनीताल में रखा जाता है. इन्हें देखने के लिए पर्यटक यहां दूर-दूर से आते हैं.
जू में मौजूद वन्यजीव
नैनीताल स्थित चिडियाघर ठंडे इलाकों में रहने वाले जीवों के लिए बेहतर आवास माना जाता है. यहां साइबेरियन टाइगर, स्नो लेपर्ड, मारखोर, ब्लू शीप, थार, फीजेंट, हिमालयन भालू, गुलदार आदि वन्यजीव रखे गए हैं.