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मोबाइल तो है पर टावर नहीं, कैसे डिजिटल बनेगा इंडिया?

भीमताल का हेडिया गांव संचार सुविधा से वंचित है. मोबाइल टावर नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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संचार सुविधा
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Published : Jan 14, 2020, 2:38 PM IST

नैनीतालः भले ही देश आज 5G नेटवर्क की ओर तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन आज कई ग्रामीण इलाकों में संचार सुविधा नहीं पहुंच पाई है. इसकी बानगी नैनीताल जिले के हेडिया गांव में देखने को मिल रही है. जहां पर ग्रामीणों के पास मोबाइल फोन तो है, लेकिन फोन में नेटवर्क नहीं है. ऐसे में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

मोबाइल नेटवर्क से वंचित हेडिया गांव.

दरअसल, भीमताल के हेडिया क्षेत्र में शासन-प्रशासन ने एक भी मोबाइल टावर नहीं लगवाया है. लिहाजा टावर न होने से ग्रामीणों का मोबाइल फोन महज शोपीस बनकर रह जाता है. आपात स्थिति या अपने किसी परिचित से बात करनी हो तो ग्रामीणों को गांव से काफी दूर जाना पड़ता है. उस दौरान भी मोबाइल पर नेटवर्क आने के बाद ही बात हो पाती है. ऐसे में इंटरनेट चलना तो दूर की बात है.

ये भी पढ़ेंः अल्मोड़ाः डॉक्टरों के स्थानांतरण पर कांग्रेस ने जताई नाराजगी, CM को भेजा ज्ञापन

पर्यटन की दृष्टि से हेडिया गांव में अपार संभावनाएं हैं. प्रकृति की गोद में बसे इस गांव में होमस्टे, पैराग्लाइडिंग जैसे कई पर्यटन के कारोबार किए जा सकते हैं, लेकिन मोबाइल नेटवर्क और सड़क सुविधा नहीं होने से स्थानीय युवा इस ओर कोई कदम नहीं बढ़ा पा रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार मामले को लेकर शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि नेटवर्क की सुविधा नहीं होने से वे दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे अपने बच्चों से बात नहीं कर पाते हैं. ऐसे में उन्हें अपने बच्चों की चिंता सताती रहती है.

ये भी पढ़ेंः खुशियों की सवारी के पहिए कई महीनों से ठप, लोग परेशान

इस समस्या से छात्र भी अछूते नहीं हैं. छात्रों का कहना है कि स्कूल से कई प्रोजेक्ट दिए जाते हैं, लेकिन उनके गांव में मोबाइल नेटवर्क न होने की वजह से वो प्रोजेक्ट पूरे नहीं कर पा रहे हैं. साथ ही उन्हें पढ़ाई से संबंधित जानकारियां भी नहीं मिल पा रही हैं. सरकार डिजिटल इंडिया पर जोर देती है, लेकिन कई गांवों में बात करने के लिए भी नेटवर्क की सुविधा नहीं है.

नैनीतालः भले ही देश आज 5G नेटवर्क की ओर तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन आज कई ग्रामीण इलाकों में संचार सुविधा नहीं पहुंच पाई है. इसकी बानगी नैनीताल जिले के हेडिया गांव में देखने को मिल रही है. जहां पर ग्रामीणों के पास मोबाइल फोन तो है, लेकिन फोन में नेटवर्क नहीं है. ऐसे में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

मोबाइल नेटवर्क से वंचित हेडिया गांव.

दरअसल, भीमताल के हेडिया क्षेत्र में शासन-प्रशासन ने एक भी मोबाइल टावर नहीं लगवाया है. लिहाजा टावर न होने से ग्रामीणों का मोबाइल फोन महज शोपीस बनकर रह जाता है. आपात स्थिति या अपने किसी परिचित से बात करनी हो तो ग्रामीणों को गांव से काफी दूर जाना पड़ता है. उस दौरान भी मोबाइल पर नेटवर्क आने के बाद ही बात हो पाती है. ऐसे में इंटरनेट चलना तो दूर की बात है.

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पर्यटन की दृष्टि से हेडिया गांव में अपार संभावनाएं हैं. प्रकृति की गोद में बसे इस गांव में होमस्टे, पैराग्लाइडिंग जैसे कई पर्यटन के कारोबार किए जा सकते हैं, लेकिन मोबाइल नेटवर्क और सड़क सुविधा नहीं होने से स्थानीय युवा इस ओर कोई कदम नहीं बढ़ा पा रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार मामले को लेकर शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि नेटवर्क की सुविधा नहीं होने से वे दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे अपने बच्चों से बात नहीं कर पाते हैं. ऐसे में उन्हें अपने बच्चों की चिंता सताती रहती है.

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इस समस्या से छात्र भी अछूते नहीं हैं. छात्रों का कहना है कि स्कूल से कई प्रोजेक्ट दिए जाते हैं, लेकिन उनके गांव में मोबाइल नेटवर्क न होने की वजह से वो प्रोजेक्ट पूरे नहीं कर पा रहे हैं. साथ ही उन्हें पढ़ाई से संबंधित जानकारियां भी नहीं मिल पा रही हैं. सरकार डिजिटल इंडिया पर जोर देती है, लेकिन कई गांवों में बात करने के लिए भी नेटवर्क की सुविधा नहीं है.

Intro:Summry

देश की आजादी के 70 साल बाद भी उत्तराखंड में कई गांव मोबाइल जैसी मूलभूत सुविधाएं से कोसों दूर।

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भले ही देश आज 5G नेटवर्क की तरफ तेजी से बढ़ रहा हो मगर आज भी नैनीताल जिले के कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां आज तक मोबाइल टावर नहीं लगे हैं यही कारण है कि इन गांवों के ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
एक ऐसा ही गांव है नैनीताल जिले के भीमताल में हेडिया गांव जहां आज तक शासन प्रशासन की लापरवाही से मोबाइल टावर तक नहीं लगा।


Body:भले ही आज तक देश को आजाद हुए 70 साल हो गए हो लेकिन आज भी उत्तराखंड के कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जो गुलामी जैसी जिंदगी जीने को मजबूर है नैनीताल जिले का एक ऐसा ही गांव है हेडिया गांव जहाँ आजादी के 70 साल बाद भी मोबाइल टावर नहीं लग सका है, पर्यटन की दृष्टि से इस गांव में अपार संभावना है प्रकृति की गोद में बसे इस गांव में होमस्टे, पैराग्लाइडिंग जैसे कई पर्यटन के कारोबार किए जा सकते हैं मगर मोबाइल नेटवर्क और सड़क की दिक्कत की वजह से यहां के स्थानीय युवाओं ने इस तरफ कदम नहीं बढ़ाया स्थानीय युवा बताते हैं कि सरकार और प्रशासन की लापरवाही से आज उनका गांव बदहाली की तरफ जाने को मजबूर है।

बाईट-1 दीपेश स्थानीय


Conclusion: मोबाइल नेटवर्क ना होने की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूली बच्चों को हो रही है स्कूली बच्चे बताते हैं कि उनको स्कूल से कई प्रोजेक्ट दिए जाते हैं लेकिन उनके गांव में मोबाइल नेटवर्क ना होने की वजह से वो प्रोजेक्ट पूरे नहीं कर पा रहे हैं इतना ही नहीं बच्चे केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया योजना पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं बच्चों का कहना है कि अगर गांव में मोबाइल नेटवर्क ही नहीं होंगे तो सरकार की डिजिटल इंडिया योजना का क्या फायदा।
वहीं दूसरी ओर ग्रामीण बताते हैं कि मोबाइल नेटवर्क ना होने की वजह से वह दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे अपने बच्चों से बात नहीं कर पाते और उनको अपने बच्चों की चिंता सताती रहती है इसी वजह से वह राज्य सरकार और केंद्र सरकार से अपने गांव में मोबाइल टावर लगाने की मांग करते हैं।

बाईट-2 कंचन
बाईट-3 मोतीराम।
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