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नदियों का जलस्तर अधिक होने के कारण हल्द्वानी में नहीं शुरू हुआ खनन कार्य - हल्द्वानी गौला नंधौर नदी खनन कार्य

कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी और नंधौर नदी का जलस्तर ज्यादा होने के कारण खनन का कार्य शुरू नहीं हो सका है. 15 दिन बाद खनन का काम शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है.

haldwani news
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Published : Oct 1, 2020, 10:29 PM IST

हल्द्वानी: प्रदेश भर में आज से खनन सत्र शुरू हो गया है, लेकिन कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी और नंधौर नदी से अभी तक खनन का काम शुरू नहीं हो सका है. बताया जा रहा है कि दोनों नदियों में पानी का जलस्तर अधिक होने के चलते खनन कार्य आज से प्रारंभ नहीं किया गया. हालांकि, 15 दिन बाद खनन का काम शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है.

प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि हर साल एक अक्टूबर से नदियों में खनन का काम शुरू हो जाता है, लेकिन इस साल नदियों में पानी ज्यादा होने के कारण अभी खनन नहीं शुरू किया जा रहा है. क्षेत्रीय सर्वेक्षण की टीम ने आज नदी का जायजा लिया जिसके बाद खनन कार्य को देरी से शुरू करने का फैसला लिया गया है. 10 सितंबर को एक बार फिर क्षेत्रीय सर्वेक्षण की टीम नदी का सर्वे करेगी. जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

पढ़ें: DM ने की जल जीवन समिति की बैठक, 9 नवंबर तक लक्ष्य पूरा करने के दिए निर्देश

बता दें कि, कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी और नंधौर नदी से प्रदेश सरकार को हर साल करोड़ों के राजस्व की प्राप्ति होती है. साथ ही खनन कार्य से जुड़े करीब 25 हजार डंपर वाहन चालक सहित हजारों मजदूरों के अलावा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है. ऐसे में प्रदेश में खनन कार्य जल्द से जल्द शुरू होना बेहद जरूरी है.

हल्द्वानी: प्रदेश भर में आज से खनन सत्र शुरू हो गया है, लेकिन कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी और नंधौर नदी से अभी तक खनन का काम शुरू नहीं हो सका है. बताया जा रहा है कि दोनों नदियों में पानी का जलस्तर अधिक होने के चलते खनन कार्य आज से प्रारंभ नहीं किया गया. हालांकि, 15 दिन बाद खनन का काम शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है.

प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि हर साल एक अक्टूबर से नदियों में खनन का काम शुरू हो जाता है, लेकिन इस साल नदियों में पानी ज्यादा होने के कारण अभी खनन नहीं शुरू किया जा रहा है. क्षेत्रीय सर्वेक्षण की टीम ने आज नदी का जायजा लिया जिसके बाद खनन कार्य को देरी से शुरू करने का फैसला लिया गया है. 10 सितंबर को एक बार फिर क्षेत्रीय सर्वेक्षण की टीम नदी का सर्वे करेगी. जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

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बता दें कि, कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी और नंधौर नदी से प्रदेश सरकार को हर साल करोड़ों के राजस्व की प्राप्ति होती है. साथ ही खनन कार्य से जुड़े करीब 25 हजार डंपर वाहन चालक सहित हजारों मजदूरों के अलावा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है. ऐसे में प्रदेश में खनन कार्य जल्द से जल्द शुरू होना बेहद जरूरी है.

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