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सरकार को करोड़ों का राजस्व दिला रहे खनन मजदूर, फिर भी मूलभूत सुविधाओं से हैं वंचित - गौला नदी खनन मजदूर

गौला नदी में फिर से खनन शुरू हो गया है. पिछले साल मजदूरों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई थीं. वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा कि इस वर्ष मजदूरों को उनकी मूलभूत सुविधाएं जल्द मिलने की उम्मीद है.

गौला नदी में शुरू हुआ खनन का कार्य.
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Published : Nov 4, 2019, 12:32 PM IST

हल्द्वानी: गौला नदी में खनन का काम करने वाले मजदूर अपना खून पसीना बहा कर सरकार को करोड़ों का राजस्व दे रहे हैं. अफसोस यह है कि वन विकास निगम इन मजदूरों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं उपलब्ध करा पा रहा. मानसून खत्म होने के बाद अब गौला नदी में फिर से खनन शुरू हो गया है.

बता दें कि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के रहने वाले करीब 25,000 मजदूर गौला नदी में होने वाले खनन कार्य से जुड़े हुए हैं. वन विभाग द्वारा इन सभी मजदूरों को नदी में काम करने के लिए पंजीकृत कर इनके लिए वेलफेयर सोसाइटी भी बनाई गई है.

गौला नदी में शुरू हुआ खनन का कार्य.

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सोसाइटी में नदी में काम करने वाले इन मजदूरों के स्वास्थ्य, पेयजल सुविधा, टूल किट्स ,ठंड से बचने के लिए कंबल और जलौनी लकड़ी, मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था, जूते और गलब्स आदि दिए जाते हैं. इसके बावजूद पिछले वर्ष इन मजदूरों को सुविधा के नाम पर वन विकास निगम द्वारा कुछ भी नहीं दिया गया.

यह भी पढ़ें-मनसा देवी मार्ग पर अचानक आ धमका हाथियों का झुंड, मचा हड़कंप

यह भी बताया जा रहा है कि वेलफेयर सोसाइटी में मजदूरों के हित के लिए करोड़ों रुपए डंप पड़े हुए हैं. वहीं, वन विकास निगम और सरकार वेलफेयर सोसाइटी के पैसे को खर्च करने की जहमत तक नहीं उठा पा रही है.

यह भी पढ़ें-रैश ड्राइविंग के मामले में दो युवक गिरफ्तार, न्यायालय में पेश कर भेजे गए जेल

वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक गिरीश चंद्र पंत ने बताया कि पिछले साल सरकार और विभाग में आपसी सामंजस्य नहीं बनने के चलते मजदूरों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाईं. उन्होंने कहा कि उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष मजदूरों को उनकी मूलभूत सुविधाएं जल्द मिल जाएंगी.

हल्द्वानी: गौला नदी में खनन का काम करने वाले मजदूर अपना खून पसीना बहा कर सरकार को करोड़ों का राजस्व दे रहे हैं. अफसोस यह है कि वन विकास निगम इन मजदूरों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं उपलब्ध करा पा रहा. मानसून खत्म होने के बाद अब गौला नदी में फिर से खनन शुरू हो गया है.

बता दें कि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के रहने वाले करीब 25,000 मजदूर गौला नदी में होने वाले खनन कार्य से जुड़े हुए हैं. वन विभाग द्वारा इन सभी मजदूरों को नदी में काम करने के लिए पंजीकृत कर इनके लिए वेलफेयर सोसाइटी भी बनाई गई है.

गौला नदी में शुरू हुआ खनन का कार्य.

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सोसाइटी में नदी में काम करने वाले इन मजदूरों के स्वास्थ्य, पेयजल सुविधा, टूल किट्स ,ठंड से बचने के लिए कंबल और जलौनी लकड़ी, मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था, जूते और गलब्स आदि दिए जाते हैं. इसके बावजूद पिछले वर्ष इन मजदूरों को सुविधा के नाम पर वन विकास निगम द्वारा कुछ भी नहीं दिया गया.

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यह भी बताया जा रहा है कि वेलफेयर सोसाइटी में मजदूरों के हित के लिए करोड़ों रुपए डंप पड़े हुए हैं. वहीं, वन विकास निगम और सरकार वेलफेयर सोसाइटी के पैसे को खर्च करने की जहमत तक नहीं उठा पा रही है.

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वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक गिरीश चंद्र पंत ने बताया कि पिछले साल सरकार और विभाग में आपसी सामंजस्य नहीं बनने के चलते मजदूरों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाईं. उन्होंने कहा कि उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष मजदूरों को उनकी मूलभूत सुविधाएं जल्द मिल जाएंगी.

Intro:sammry- सरकार को खनन से करोड़ों का राजस्व देने वाले गौला मजदूरो को नही मिल रहा है मूलभूत सुविधा, गत वर्ष मजदूरों के मिलने वाले बजट को वन विकास निगम ने डकारा।

एंकर- सरकार को खनन से करोड़ों का राजस्व देने वाली गौला नदी में काम करने वाले मजदूर अपना खून पसीना बहा कर सरकार को करोड़ों का राजस्व तो दे रहे हैं लेकिन इन मजदूरों को मिलने वाला मूलभूत सुविधा वन विकास निगम पिछले साल डकार कर बैठ गया लेकिन अब गौला नदी से फिर से खनन शुरू शुरू तो हो गया लेकिन मजदूरों को क्या इस वर्ष भी वन विकास निगम मिलने वाला सुविधा को देगा या फिर डकार कर बैठ जाएगा।


Body:दरअसल कुमाऊ की लाइफलाइन कही जाने वाली गौला नदी मैं फिर से खनन शुरू हो गया है। बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश के रहने वाले करीब 25000 मजदूर गौला नदी में होने वाले खनन काम में जुड़े हुए हैं। वन विभाग इन सभी मजदूरों को नदी में काम करने के लिए पंजीकरण पंजीकरण कर मजदूरों के लिए वेलफेयर सोसाइटी भी बनाई गई है जिससे नदी में काम करने वाले इन मजदूरों के स्वास्थ्य, पेयजल सुविधा, टूल किट्स ,ठंड से बचने के लिए कंबल और जलौनी लकड़ी मजदूरों के बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था, और जूते ,गलप्स दिए जाते हैं लेकिन पिछले वर्ष इन मजदूरों को सुविधा के नाम पर वन विकास निगम द्वारा कुछ भी नहीं दिया गया। बताया जा रहा है कि वेलफेयर सोसाइटी में मजदूरों के हित के लिए करोड़ों रुपए डंप पड़े हुए हैं लेकिन वन विकास निगम और सरकार वेलफेयर सोसाइटी के पैसे को खर्च करने की जहमत तक नहीं उठा पा रही है।

वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक गिरीश चंद पंत ने बताया कि पिछले साल मजदूरों को मिलने वाले मूलभूत सुविधा सरकार और विभाग में आपसी सामंजस्य नहीं बनने के चलते नहीं मिल पाया। इस वर्ष खनन सत्र शुरू हो चुका है मजदूरों को मिलने वाले सुविधाओं के लिए शासन के लिए भेजा जा चुका है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष मजदूरों को उनके मूलभूत सुविधा जल्द मिल जाएंगे।

बाइट- गिरीश चंद्र पंत क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम


Conclusion:गौला नदी से खनन सत्र शुरू हो चुका है मजदूर अपना खून पसीना बहा कर फिर से सरकार को करोड़ों रुपए राजस्व देने के लिए तैयार हैं। ठंड का मौसम शुरू हो चुका है लेकिन सरकार और वन विकास निगम इन मजदूरों के हितों के लिए अभी तक कुछ नहीं कर पाई है । ऐसे में मजदूरों को अब फिर उम्मीद जगी है कि वन विकास निगम उनको मूलभूत सुविधा देगा जिससे कि ठंड में उनको मजदूरी करने में थोड़ा राहत मिल सके।
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