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हल्द्वानी: गौला नदी में शुरू हुआ खनन, लोगों को मिलेगा रोजगार - haldwani gaula river mining news

कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी में हल्दूचौड़ और शीशमहल खनन निकासी गेट खोल दिए गए हैं. गौला और नंधौर नदियों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है. साथ ही सरकार को भी भारी भरकम राजस्व खनन रॉयल्टी से मिलता है.

haldwani gaula river mining news
गौला नदी में शुरू हुआ खनन.
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Published : Nov 7, 2020, 2:23 PM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी में हल्दूचौड़ और शीशमहल खनन निकासी गेट खोल दिए गए हैं. डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी और लालकुआं विधायक नवीन दुम्का ने फीता काटकर इन गेटों का शुभारंभ किया. वहीं नंधौर नदी में भी कड़ापानी गेट को खनन के लिए खोल दिया गया है.

गौला नदी में शुरू हुआ खनन.

कुमाऊं के प्रमुख आर्थिक स्रोत के रूप में जाने जाने वाली गौला और नंधौर नदी में 16 गेट हैं जिसमें से ग्यारह गौला नदी में और पांच नंधौर नदी में हैं. वन विभाग ने 3 गेटों को शुरू कर खनन सत्र की शुरुआत कर दी है. गौला और नंधौर नदी में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है. साथ ही सरकार को भी भारी भरकम राजस्व खनन रॉयल्टी से मिलता है. खनन सत्र खुलने के बाद वन विभाग के लिए अवैध खनन पर अंकुश लगाना बड़ी चुनौती है. लिहाजा इस बार हाईटेक तकनीक से खनन कराया जा रहा है.

यह भी पढे़ं-रुद्रप्रयागः बदरीनाथ हाईवे पर बाइक हादसे में दो लोगों की मौत

वहीं डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी का कहना है कि पहले दिन तीन गेटों से खनन का कार्य प्रारंभ किया गया है. बाकी सभी गेटों से जल्द खनन का कार्य प्रारंभ हो जाएगा जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा जबकि सरकार को करोड़ों में राजस्व की प्राप्ति होगी.

हल्द्वानी: कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी में हल्दूचौड़ और शीशमहल खनन निकासी गेट खोल दिए गए हैं. डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी और लालकुआं विधायक नवीन दुम्का ने फीता काटकर इन गेटों का शुभारंभ किया. वहीं नंधौर नदी में भी कड़ापानी गेट को खनन के लिए खोल दिया गया है.

गौला नदी में शुरू हुआ खनन.

कुमाऊं के प्रमुख आर्थिक स्रोत के रूप में जाने जाने वाली गौला और नंधौर नदी में 16 गेट हैं जिसमें से ग्यारह गौला नदी में और पांच नंधौर नदी में हैं. वन विभाग ने 3 गेटों को शुरू कर खनन सत्र की शुरुआत कर दी है. गौला और नंधौर नदी में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है. साथ ही सरकार को भी भारी भरकम राजस्व खनन रॉयल्टी से मिलता है. खनन सत्र खुलने के बाद वन विभाग के लिए अवैध खनन पर अंकुश लगाना बड़ी चुनौती है. लिहाजा इस बार हाईटेक तकनीक से खनन कराया जा रहा है.

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वहीं डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी का कहना है कि पहले दिन तीन गेटों से खनन का कार्य प्रारंभ किया गया है. बाकी सभी गेटों से जल्द खनन का कार्य प्रारंभ हो जाएगा जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा जबकि सरकार को करोड़ों में राजस्व की प्राप्ति होगी.

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