हल्द्वानी: एक अक्टूबर से कुमाऊं की सभी नदियों में फावड़े बेलचे की खनक सुनाई देनी शुरू हो जाएगी. मानसून सत्र के बाद शुरू होने वाले खनन सत्र की तैयारियों को लेकर वन विकास निगम और वन विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. वन विभाग नदियों में पानी कम होने का इंतजार कर रहा है. खनन कार्य शुरू हो जाने से प्रदेश सरकार को जहां करोड़ों का राजस्व मिलेगा तो वहीं, खनन कार्य में लगे लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
पढ़ें- GMVN ने शुरू की खनन की ई-टेंडरिंग, कई व्यापारियों ने उठाए सवाल
प्रभागीय वन अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने बताया कि शासन के निर्देश के बाद गौला नदी, नंधौर नदी, दाबका नदी सहित अन्य नदियों में एक अक्टूबर से खनन सत्र प्रारंभ किया जाना है. खनन सत्र को लेकर वन विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. नदी में पानी काम होने की स्थिति में एक अक्टूबर से खनन का काम शुरू कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि नैनीताल जनपद में गौला नदी, नंधौर नदी और दाब का नदी और कोसी नदी से सरकार को हर साल करोड़ों के राजस्व की प्राप्ति होती है. पिछले सत्र में इन सभी नदियों से प्रदेश सरकार को एक अरब 56 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई थी. लेकिन लॉकडाउन के चलते नदियों से खनन की निकासी भी कम हुई थी. सरकार ने 1 अक्टूबर से नदियों में खनन कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन अगर नदियों में पानी कम नहीं हुआ तो शायद खनन में और देरी आ सकती है.