हल्द्वानी: शासन के निर्देश के बाद आखिरकार दो महीने लेट गौला नदी के एक खनन निकासी गेट को वन विकास निगम ने खोल दिया है. निगम ने शनिवार को हल्द्वानी के आंवला खनन निकासी गेट को खनन के लिए खोला है, लेकिन खनन से जुड़े वाहन स्वामियों को उचित भाड़ा नहीं मिल रहा, जिसके चलते वाहन स्वामियों ने खनन ढुलाई करने से मना कर दिया है.
खनन वाहन कारोबारियों ने स्टोन क्रशर कारोबारी से ढुलान का किराया ₹40 प्रति कुंतल की मांग की है. ऐसे में वाहन स्वामियों को उचित किराया नहीं मिलने के चलते नदी के खुलने के तीन दिन बाद भी खनन ढुलाई के लिए नदी में कोई गाड़ी नहीं उतरी.
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गौला खनन संघर्ष समिति के अध्यक्ष पम्मी सैफी का कहना है कि डीजल के साथ-साथ वाहनों के टैक्स, मजदूरों की मजदूरी समेत अन्य सभी चीजें महंगी हो गई हैं. ऐसे में उनका ढुलाई भाड़ा भी बढ़ना चाहिए. डंपर एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि पिछले साल उन्हें ₹30 प्रति कुंटल के हिसाब से भाड़ा दिया गया था, तब डीजल के दाम बेहद कम थे. लेकिन अब डीजल के दाम सहित महंगाई में बेतहाशा वृद्धि हुई है. लिहाजा उन्हें उप खनिज की ढुलाई ₹40 प्रति कुंटल दिया जाए.
वहीं न विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएन भारती ने कहा कि ये स्टोन क्रशर स्वामियों और वाहन स्वामियों का आपसी मामला है. निगम ने गौला नदी के 13 खनन निकासी गेटों में से एक आंवला चौकी गेट को पहले चरण में खोल दिया है. वहीं अन्य को खोलने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा भाड़ा संबंधित प्रकरण क्रशर व वाहन स्वामियों के बीच का है. निगम द्वारा नदी में खनिज निकासी के लिए विभागीय तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैं.
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गौरतलब है कि हर साल अक्टूबर माह में गौला नदी से खनन कार्य शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार बरसात के चलते नदी से खनन दो महीने लेट से शुरू हुआ है. ऐसे में स्टोन क्रशर स्वामी और खनन वाहन कारोबारियों में ढुलाई के भाड़े को लेकर विवाद हो गया है, जिससे खामियाजा निगम को उठाना पड़ रहा है.