हल्द्वानी: प्रदेश सरकार को राजस्व के सबसे बड़ा आय का स्रोत खनन है. हर साल कुमाऊं की नदियों से प्रदेश सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्ति होता है. इस खनन सत्र में कुमाऊं के 3 नदियों से अभी तक सरकार को 149 करोड़ की राजस्व प्राप्त हो चुका है. जबकि नंधौर नदी से इस साल खनन निकासी का लक्ष्य पूरा हो चुका है. गौला और शारदा नदी में अभी भी खनन का कार्य चल रहा है. बताया जा रहा है कि गौला नदी से अभी करीब एक महीने का खनन कार्य हो सकेगा. जिससे सरकार को भारी राजस्व प्राप्ति का अनुमान है.
वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएन भारती ने बताया कि शासन से इस खनन सत्र में गौला नदी से 32 लाख 92 हजार घन मीटर खनन निकासी का लक्ष्य रखा है. जिसके सापेक्ष में विभाग द्वारा करीब 23 लाख घन मीटर खनन निकासी का कार्य किया जा चुका है. जिससे सरकार को 119 करोड़ का राजस्व मिल चुका है. इसके अलावा नंधौर नदी से इस खनन सत्र में 5 लाख 18 हजार घन मीटर खनन निकासी का लक्ष्य रखा गया है. जिसके सापेक्ष में 5 लाख 14 हजार घन मीटर खनन निकासी की जा चुका है. जिससे 22 करोड़ 47 लाख रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है.
जबकि शारदा नदी के लिए शासन से 4 लाख 62 हजार घन मीटर खनन का लक्ष्य रखा है. जिसके सापेक्ष में अभी तक 1 लाख 74 हजार घन मीटर खनन निकासी हो चुकी है. जिससे सरकार को करीब डेढ़ करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. उन्होंने बताया कि नंधौर नदी से खनन लक्ष्य पूरा हो चुका है. नदी से दोबारा खनन की अनुमति के लिए सर्वे रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. शासन से अनुमति मिलते हैं नंधौर नदी से फिर से खनन शुरू हो सकेगा. इसके अलावा गौला नदी से अभी करीब 9 लाख घन मीटर खनन निकासी शेष बची है, उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.
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इसके अलावा शारदा नदी से होने वाले खनन कार्य में थोड़ी लेटलतीफी हुई है. कुछ तकनीकी दिक्कत और खनन कारोबारियों में दिलचस्पी नहीं होने के चलते हैं. शारदा नदी से खनन निकासी का काम धीमी गति से चल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि समय रहते शारदा नदी से खनन निकासी का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा.