हल्द्वानी: उत्तराखंड में पशुपालकों के उत्थान और दूध उत्पादन में वृद्धि करने के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही है. जिसका लाभ दुग्ध उत्पादकों को भी मिल रहा है. यही वजह है कि दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उत्तराखंड लगातार आगे बढ़ रहा है. इतना ही नहीं उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन से जुड़े करीब 1 लाख 63 हजार दुग्ध उत्पादकों को इसका लाभ मिल रहा है.
उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन के निदेशक संजय खेतवाल ने बताया कि दुग्ध उत्पादकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार एवं उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन कई तरह की योजनाएं संचालित कर रहे हैं. जिसका सीधा लाभ पशुपालन और दूध उत्पादन से जुड़े लोगों को मिल रहा है. इसकी वजह से दूध का उत्पादन भी बढ़ा है.
उत्तराखंड में दूध उत्पादन-
2017-18 में रोजाना 1,94,962 लीटर दूध का उत्पादन हुआ.
2018-19 में रोजाना 2,04,270 लीटर दूध का उत्पादन हुआ.
2019-20 में रोजाना 1,83,489 लीटर दूध का उत्पादन हुआ.
2020-21 में रोजाना 1,89,026 लीटर दूध का उत्पादन हुआ.
2021-22 में रोजाना 2,01,092लीटर दूध का उत्पादन हुआ.
2022-23 में रोजाना 1,67,569 लीटर दूध का उत्पादन हुआ.
2023-24 में रोजाना 2,17,454 लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन हो रहा है.
दूध उत्पादन में नैनीताल जिला अव्वल: बताया जा रहा है कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद साल 2002 में पूरे प्रदेश में मात्र 1,01,855 लीटर दूध रोजाना उत्पादित हुआ करता था. जो साल 2023 24 में बढ़कर 2,17,454 लीटर हो गया है. दूध उत्पादन की रेस में इस बार नैनीताल जिला सबसे आगे है. उसके बाद उधमसिंह नगर जिला है. जबकि, तीसरे नंबर पर हरिद्वार है.
नैनीताल जिले में बीते साल दूध का उत्पादन 90,874 लीटर रोजाना था. ये बढ़कर 1,01,600 लीटर रोजाना हो गया है. उधमसिंह नगर जिले में यह उत्पादन बीते साल 34,746 लीटर रोजाना था. जो कि बढ़कर 39,727 लीटर रोजाना हो गया है. वहीं, हरिद्वार में यह आंकड़ा 11,337 से बढ़कर 13,956 लीटर रोजाना हो गया है. उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन से पूरे प्रदेश में 2,545 दूध समितियों के माध्यम से करीब 1,63,800 दूध उत्पादक जुड़े हुए हैं, जो आंचल डेयरी को दूध देने का काम करते हैं.
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