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7 हजार से ज्यादा स्कूलों में चूल्हे पर बन रहा मिड-डे-मील, कैसे स्वस्थ रहेंगे बच्चे ? - प्रदेश के इतने स्कूलों में चूल्हे पर बन रहा मिड-डे-मील

उत्तराखंड के 7,414 सरकारी स्कूलों में चूल्हे पर मिड-डे-मील बनाया जा रहा है. इससे छात्रों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है.

Mid-day meal
मिड-डे-मील
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Published : Nov 21, 2020, 11:57 AM IST

हल्द्वानी: राज्‍य में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को मिड-डे-मील स्कीम के तहत दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. लेकिन इन सबके बीच प्रदेश के 7,414 ऐसे भी सरकारी स्कूल हैं जहां बच्चों के लिए मिड-डे-मील चूल्हे पर बनाया जा रहा है. इन स्कूलों में अभी तक गैस कनेक्शन उपलब्ध नहीं हो पाये हैं. सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल सती ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों से गैस कनेक्शन के बारे में सूचना मांगी है. इसमें पता चला कि 7,414 स्कूलों में चूल्हे पर खाना बनाया जा रहा है.

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सितंबर 2020 तक गैस कनेक्शनों की समीक्षा करने पर पाया गया कि प्रदेश के कुल 18 हजार 923 स्कूलों में से केवल 11 हजार 509 स्कूलों में गैस कनेक्शन उपलब्ध हैं. इसमें हंस फाउंडेशन के सहयोग से स्कूलों के लिए खरीदे गए गैस कनेक्शन भी शामिल हैं. बताया गया है कि वर्तमान में 7,414 स्कूल ऐसे हैं जहां लकड़ी के चूल्हे पर मध्यान्ह भोजन बनाया जा रहा है. चूल्हे से निकलने वाले धुएं से छात्र-छात्राओं और स्कूल कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

हल्द्वानी: राज्‍य में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को मिड-डे-मील स्कीम के तहत दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. लेकिन इन सबके बीच प्रदेश के 7,414 ऐसे भी सरकारी स्कूल हैं जहां बच्चों के लिए मिड-डे-मील चूल्हे पर बनाया जा रहा है. इन स्कूलों में अभी तक गैस कनेक्शन उपलब्ध नहीं हो पाये हैं. सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल सती ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों से गैस कनेक्शन के बारे में सूचना मांगी है. इसमें पता चला कि 7,414 स्कूलों में चूल्हे पर खाना बनाया जा रहा है.

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सितंबर 2020 तक गैस कनेक्शनों की समीक्षा करने पर पाया गया कि प्रदेश के कुल 18 हजार 923 स्कूलों में से केवल 11 हजार 509 स्कूलों में गैस कनेक्शन उपलब्ध हैं. इसमें हंस फाउंडेशन के सहयोग से स्कूलों के लिए खरीदे गए गैस कनेक्शन भी शामिल हैं. बताया गया है कि वर्तमान में 7,414 स्कूल ऐसे हैं जहां लकड़ी के चूल्हे पर मध्यान्ह भोजन बनाया जा रहा है. चूल्हे से निकलने वाले धुएं से छात्र-छात्राओं और स्कूल कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

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