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रामनगर: कॉर्बेट प्रशासन बड़े स्तर पर जल संरक्षण की बना रहा योजना

गर्मी में वन्यजीवों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो इसलिए कॉर्बेट प्रशासन प्रशासन जंगलों में ज्यादा से ज्यादा पक्के और कच्चे वॉटरहोल्स विकसित करने का कार्य कर रहा है.

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कॉर्बेट पार्क में विकसित किए जा रहे वाहरहोल्स.
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Published : Sep 10, 2020, 11:05 PM IST

रामनगर: गर्मियों में हर साल भीषण गर्मी के चलते जहां आम लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त होता है. वहीं, भीषण गर्मी से जंगलों के अंदर भी जल संकट गहराने लगता है, जिसे देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन बड़े स्तर पर पानी का संरक्षण कर वन्यजीवों के लिए जंगलों में ज्यादा से ज्यादा वाटरहोल्स विकसित कर रहा है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार.

कॉर्बेट पार्क प्रशासन इन दिनों जंगलों में ज्यादा से ज्यादा पक्के और कच्चे वॉटरहोल्स विकसित करने का कार्य कर रहा है. पार्क प्रशासन का कहना है कि जब भीषण गर्मी पड़ती है तो जंगलों के कई जल स्रोत सूखने की कगार पर होते हैं, जिसे देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन पक्के और कच्चे वॉटरहोल्स बना रहा है ताकि पार्क क्षेत्र में विचरण करने वाले वन्यजीवों को प्राप्त पेयजल मिल सके और साथ ही पानी की कमी से के चलते वन्यजीव आबादी की तरफ ना आए. इस विषय में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पूरी तरीके से बायो डायवर्सिटी कंजर्वेशन का कार्य करता है. उसमें जल संरक्षण प्राथमिकता से किया जाता है.

यह भी पढ़ें-महिला और दो बच्चों समेत 4 पर हमला करने वाला गुलदार हुआ ट्रैंकुलाइज, वन विभाग के छुड़ाए पसीने

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पानी का संरक्षण बड़े स्तर पर किया जाता है. इसी के साथ ही हम कच्चे और पक्के वॉटरहोल्स लगातार बनाते रहते हैं और बना भी रहे हैं, जिसमें पानी का संरक्षण करते हैं, जिससे जंगल में रहने वाले वन्यजीवों को लगातार पानी मिलता रहे. साथ ही उन्होंने कहा कि जो हमारे प्राकृतिक वॉटरहोल्स हैं उनमें पूरे साल प्राकृतिक तरीके से पानी भर जाता है, जो पूरे साल वन्यजीवों के काम आता है.

रामनगर: गर्मियों में हर साल भीषण गर्मी के चलते जहां आम लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त होता है. वहीं, भीषण गर्मी से जंगलों के अंदर भी जल संकट गहराने लगता है, जिसे देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन बड़े स्तर पर पानी का संरक्षण कर वन्यजीवों के लिए जंगलों में ज्यादा से ज्यादा वाटरहोल्स विकसित कर रहा है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार.

कॉर्बेट पार्क प्रशासन इन दिनों जंगलों में ज्यादा से ज्यादा पक्के और कच्चे वॉटरहोल्स विकसित करने का कार्य कर रहा है. पार्क प्रशासन का कहना है कि जब भीषण गर्मी पड़ती है तो जंगलों के कई जल स्रोत सूखने की कगार पर होते हैं, जिसे देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन पक्के और कच्चे वॉटरहोल्स बना रहा है ताकि पार्क क्षेत्र में विचरण करने वाले वन्यजीवों को प्राप्त पेयजल मिल सके और साथ ही पानी की कमी से के चलते वन्यजीव आबादी की तरफ ना आए. इस विषय में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पूरी तरीके से बायो डायवर्सिटी कंजर्वेशन का कार्य करता है. उसमें जल संरक्षण प्राथमिकता से किया जाता है.

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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पानी का संरक्षण बड़े स्तर पर किया जाता है. इसी के साथ ही हम कच्चे और पक्के वॉटरहोल्स लगातार बनाते रहते हैं और बना भी रहे हैं, जिसमें पानी का संरक्षण करते हैं, जिससे जंगल में रहने वाले वन्यजीवों को लगातार पानी मिलता रहे. साथ ही उन्होंने कहा कि जो हमारे प्राकृतिक वॉटरहोल्स हैं उनमें पूरे साल प्राकृतिक तरीके से पानी भर जाता है, जो पूरे साल वन्यजीवों के काम आता है.

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