रामनगर: अगर आप के शौकीन हैं तो ये खबर आपके लिए है. इस सीजन में आम का स्वाद लेने के लिए आपको अच्छी खासी कीमत चुकानी पड़ सकती है. क्योंकि इस बार आम का उत्पादन काफी कम हुआ है. जिससे आम की कीमतें आसमान छू रही हैं.
रामनगर क्षेत्र की बात करें तो यहां कई आम के बगीचे हैं, जिनमें आम का उत्पादन हुआ ही नहीं है. कई पेड़ ऐसे भी हैं जिनमें महज दो-चार आम ही लगे दिखाई दे रहे हैं. किसान और व्यापारियों के लिए इस बार आम की फसल घाटे का सौदा ही साबित हो रही है. कई व्यापारी तो आम की फसल न आने के कारण बगीचे छोड़ कर चंपत हो गए हैं. क्योंकि, लेबर की मजदूरी उन्हें जेब से देनी भारी पड़ रही थी.
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फल उद्यान के अधिकारियों का मानना है कि इस बार आम की फसल रामनगर क्षेत्र में 875 हेक्टेयर में महज 40% ही हुई है, जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले बहुत कम है. अधिकारियों की मानें तो आम की फसल का स्वभाव ऐसा होता है कि एक वर्ष आम की भारी फसल आती है. जबकि दूसरे साल हल्की फसल आती है. इसका मुख्य कारण आंधी, तूफान, बारिश और ओलावृष्टि माना जाता है.
फल उद्यान अधिकारियों का मानना है कि व्यापारी हर वर्ष भारी फसल उगाने के लालच में कल्तार नामक दवा का इस्तेमाल करते हैं, जिससे आम की पैदावार तो बढ़ जाती है, लेकिन यह दवा पेड़ों को बहुत नुकसान पहुंचाती है. यह दवा पेड़ों को अंदर से खोखला कर देती है. फल की क्षमता को घटा देती है. जिस कारण पेड़ चार-पांच साल में सूख जाता है. अधिकारियों ने किसानों और व्यापारियों से लगातार कल्तार नामक दवा प्रयोग न करने का अनुरोध किया है.