नैनीताल: कुमाऊं की कुल देवी (Kul Devi of Kumaon) के रूप में मां नंदा सुनंदा की पूजा (Worship of Maa Nanda Sunanda) की जाती है. आज 120वें मां नंदा सुनंदा देवी महोत्सव (Maa Nanda Sunanda Devi Festival) का देर शाम डोला विर्सजन के बाद समापन हो गया. मां नंदा सुनंदा महोत्सव के समापन समारोह में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे.
बता दें कि नैनीताल में मां नंदा सुनंदा देवी महोत्सव का शुभारंभ (Nanda Sunanda Devi Festival inaugurated) 4 सितंबर को अष्टमी के दिन से हुआ था. जिसके बाद मां नंदा सुनंदा की मूर्ति को भक्तों के दर्शन के लिए रखा गया था. मां नंदा सुनंदा की मूर्ति को पूर्ण रूप से प्राकृतिक वस्तुओं से बनाया जाता है. मूर्ति निर्माण में केले का पेड़, बांस, प्राकृतिक रंग, घांस, रुई और कपड़े समेत अन्य प्राकृतिक वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है.
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आज सवेरे मां नंदा सुनंदा के डोले को भक्तों ने नयना देवी मंदिर (Nayana Devi Temple) से ढोल नगाड़ों के साथ नगर भ्रमण कराया. भक्तों ने सुंदर झांकियां निकाली. जिसमें छोलिया नृत्य, मां काली और शिव पार्वती की झांकियां मुख्य आकर्षण का केंद्र रही. डोला भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों ने भी हिस्सा लिया.
देर शाम भक्तों ने पूरी आस्था और श्रद्धापूर्वक मां नंदा सुनंदा के डोले को नैनी झील में विसर्जित (Maa Nanda Sunanda dola immersed in Naini lake) किया. जिसके साथ ही मां नंदा सुनंदा महोत्सव का समापन (Maa Nanda Sunanda Devi Festival concludes) हो गया. गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के 2 साल बाद इस बार मां नंदा सुनंदा देवी महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें करीब 40 हजार से अधिक भक्तों ने शिरकत किया. नैनीताल के अलावा हल्द्वानी, रामनगर, भीमताल, मुक्तेश्वर, मंगोली समेत आसपास के क्षेत्रों से श्रद्धालु मां नंदा सुनंदा के दर्शन करने सरोवरनगरी पहुंचे.