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मां नंदा देवी महोत्सव 2023 का भव्य आगाज, छोलिया नृत्य से कलाकारों ने बांधा समां

Nanda Devi Mahotsav Nainital उत्तराखंड के प्रमुख महोत्सव में शुमार मां नंदा सुनंदा महोत्सव का आगाज हो गया है. यह महोत्सव इसलिए खास है, क्योंकि कुमाऊं में कुल देवी के रूप में पूजी जाने वाली मां नंदा सुनंदा की कदली यानी केले के वृक्ष से प्रतिमाओं का निर्माण किया जाता है. जिनकी पूजा अर्चना की जाती है फिर उन्हें विसर्जित कर दिया जाता है.

Maa Nanda Devi Festival
मां नंदा देवी महोत्सव 2023
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 20, 2023, 10:12 PM IST

Updated : Sep 20, 2023, 10:37 PM IST

नैनीताल में मां नंदा देवी महोत्सव 2023 का आगाज

नैनीतालः मां नंदा देवी को कुमाऊं में कुल देवी के रूप में पूजा जाता है. माना जाता है कि मां नंदा सुनंदा हर किसी की मुरादें पूरी करती हैं. ऐसे में हर साल मां नंदा सुनंदा महोत्सव का भव्य आयोजन होता है. इस बार भी 7 दिवसीय मां नंदा सुनंदा महोत्सव 2023 का वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजा अर्चना के साथ आगाज हो गया है. जिसमें आस्था और सांस्कृतिक छटा का समागम देखने को मिला.

Maa Nanda Devi Festival
मां नंदा देवी महोत्सव 2023 का आगाज

मां नंदा सुनंदा महोत्सव का शुभारंभ डीआईजी कुमाऊं योगेंद्र रावत, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, एसपी प्रहलाद नारायण मीणा और विधायक सरिता आर्या ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. महोत्सव के पहले दिन भक्तों का एक दल कदली वृक्ष लेने के लिए हल्द्वानी के पीली कोठी रवाना हुआ. मुख्य अतिथियों ने निशान देकर दल को कदली वृक्ष लेने के लिए हल्द्वानी रवाना किया. इस दौरान पूरा नैनीताल मां नंदा सुनंदा के जयकारों से गुंजायमान हो गया.

Maa Nanda Devi Festival
कुमाऊं में कुल देवी के रूप में पूजी जाती है मां नंदा सुनंदा

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा संस्कृति हमारी पहचान है. इन्हीं संस्कृतियों के चलते आज देशभर में उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जानते हैं. उत्तराखंड की लोक परंपराओं को आगे बढ़ाया जाना चाहिए. वहीं, डीआईजी रावत ने कहा कि पूरे देश में नैनीताल का नंदा देवी महोत्सव अपनी विशिष्ट पहचान रखता है. इसे कायम रखना होगा.
ये भी पढ़ेंः तस्वीरों में देखें नंदा महोत्सव की झलकियां, अद्भुत है नजारा

वहीं, महोत्सव से पहले आचार्य भगवती प्रसाद जोशी और घनश्याम जोशी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां की पूजा अर्चना की. महोत्सव के शुभारंभ मौके पर राम सेवक सभा के बाल कलाकार और महिला समूहों ने मां नंदा सुनंदा पर आधारित भजन सुनाया. जबकि, सैनिक स्कूल के बच्चों ने छोलिया नृत्य पेश किया.

Maa Nanda Devi Festival
नंदा देवी महोत्सव में प्रस्तुति देती छात्राएं

कदली वृक्ष के स्थान पर लगाए जाएंगे 51 पौधे, कदली वृक्ष से बनेगी मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाः हल्द्वानी में जिस जगह से मां नंदा सुनंदा की प्रतिमा बनाने के लिए कदली वृक्ष लाया जाएगा, उस जगह पर विभिन्न प्रजातियों के 51 पौधे लगाए जाएंगे. जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश देगा. कदली वृक्ष से मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं का निर्माण किया जाएगा.

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नैनीताल विधायक सरिता आर्या और कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने की शिरकत

वहीं, रामसेवक सभा के महासचिव जगदीश बवाड़ी ने बताया कि कदली यानी केले के पेड़ पवित्र माना जाता है. जिससे मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं का निर्माण किया जाता है. मां की प्रतिमा पूरी तरह से प्राकृतिक वस्तुओं से बनाई जाती है. वहीं, माना जाता है कि मां नंदा सुनंदा अष्टमी के दिन ससुराल से अपने मायके यानी कुमाऊं की धरती पर पधारी थीं.

नैनीताल में मां नंदा देवी महोत्सव 2023 का आगाज

नैनीतालः मां नंदा देवी को कुमाऊं में कुल देवी के रूप में पूजा जाता है. माना जाता है कि मां नंदा सुनंदा हर किसी की मुरादें पूरी करती हैं. ऐसे में हर साल मां नंदा सुनंदा महोत्सव का भव्य आयोजन होता है. इस बार भी 7 दिवसीय मां नंदा सुनंदा महोत्सव 2023 का वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजा अर्चना के साथ आगाज हो गया है. जिसमें आस्था और सांस्कृतिक छटा का समागम देखने को मिला.

Maa Nanda Devi Festival
मां नंदा देवी महोत्सव 2023 का आगाज

मां नंदा सुनंदा महोत्सव का शुभारंभ डीआईजी कुमाऊं योगेंद्र रावत, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, एसपी प्रहलाद नारायण मीणा और विधायक सरिता आर्या ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. महोत्सव के पहले दिन भक्तों का एक दल कदली वृक्ष लेने के लिए हल्द्वानी के पीली कोठी रवाना हुआ. मुख्य अतिथियों ने निशान देकर दल को कदली वृक्ष लेने के लिए हल्द्वानी रवाना किया. इस दौरान पूरा नैनीताल मां नंदा सुनंदा के जयकारों से गुंजायमान हो गया.

Maa Nanda Devi Festival
कुमाऊं में कुल देवी के रूप में पूजी जाती है मां नंदा सुनंदा

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा संस्कृति हमारी पहचान है. इन्हीं संस्कृतियों के चलते आज देशभर में उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जानते हैं. उत्तराखंड की लोक परंपराओं को आगे बढ़ाया जाना चाहिए. वहीं, डीआईजी रावत ने कहा कि पूरे देश में नैनीताल का नंदा देवी महोत्सव अपनी विशिष्ट पहचान रखता है. इसे कायम रखना होगा.
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वहीं, महोत्सव से पहले आचार्य भगवती प्रसाद जोशी और घनश्याम जोशी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां की पूजा अर्चना की. महोत्सव के शुभारंभ मौके पर राम सेवक सभा के बाल कलाकार और महिला समूहों ने मां नंदा सुनंदा पर आधारित भजन सुनाया. जबकि, सैनिक स्कूल के बच्चों ने छोलिया नृत्य पेश किया.

Maa Nanda Devi Festival
नंदा देवी महोत्सव में प्रस्तुति देती छात्राएं

कदली वृक्ष के स्थान पर लगाए जाएंगे 51 पौधे, कदली वृक्ष से बनेगी मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाः हल्द्वानी में जिस जगह से मां नंदा सुनंदा की प्रतिमा बनाने के लिए कदली वृक्ष लाया जाएगा, उस जगह पर विभिन्न प्रजातियों के 51 पौधे लगाए जाएंगे. जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश देगा. कदली वृक्ष से मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं का निर्माण किया जाएगा.

Maa Nanda Devi Festival
नैनीताल विधायक सरिता आर्या और कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने की शिरकत

वहीं, रामसेवक सभा के महासचिव जगदीश बवाड़ी ने बताया कि कदली यानी केले के पेड़ पवित्र माना जाता है. जिससे मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं का निर्माण किया जाता है. मां की प्रतिमा पूरी तरह से प्राकृतिक वस्तुओं से बनाई जाती है. वहीं, माना जाता है कि मां नंदा सुनंदा अष्टमी के दिन ससुराल से अपने मायके यानी कुमाऊं की धरती पर पधारी थीं.

Last Updated : Sep 20, 2023, 10:37 PM IST
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