ETV Bharat / state

वन विकास निगम की डिपो में भारी मात्रा में लकड़ी डंप, सरकार को हो रहा नुकसान - वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएन भारती

वन विकास निगम के कुमाऊं मंडल की डिपो में भारी मात्रा में बेशकीमती लकड़ी डंप है. लकड़ी बिक्री नहीं होने से सरकार को राजस्व नहीं मिल पा रहा है.

haldwani news
वन विकास निगम की डिपो में भारी मात्रा में लकड़ी पड़ी है डंप
author img

By

Published : Dec 15, 2020, 9:15 PM IST

हल्द्वानीः कोरोना काल के चलते वन विकास निगम के कुमाऊं मंडल के अलग-अलग डिपो और वन परिक्षेत्र में भारी मात्रा में बेशकीमती लकड़ी डंप पड़ी है. यही नहीं जंगलों में पड़ी लकड़ियों को रखने के लिए वन विकास निगम के पास जगह भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. वहीं लकड़ी बिक्री नहीं होने से सरकार को राजस्व नहीं मिल पा रहा है.

वन विकास निगम की डिपो में भारी मात्रा में लकड़ी पड़ी है डंप

वहीं वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएन भारती ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जंगलों के 189 परिक्षेत्र से लकड़ी की उठान होनी है, जिसके तहत अभी तक 48 परिक्षेत्रों से लकड़ी के उठान का काम चल रहा है. इस वित्तीय वर्ष में वन विकास निगम को 25,000 लाख का टारगेट रखा गया है. जिसके सापेक्ष में अभी तक 14,000 लाख रुपए के राजस्व की प्राप्ति हो चुकी है. वहीं अभी तक जंगलों से उठने वाले 85,450 घन मीटर लकड़ी के उठान के सापेक्ष में 57,000 घन मीटर लकड़ी का उठान हो चुका है.

यही नहीं कुमाऊं मंडल के 14 लकड़ी डिपो के अंतर्गत 1 लाख 40,000 घन मीटर बेशकीमती लकड़ियां डंप पड़ी हुईं हैं. जिसके लिए वन विकास निगम नीलामी की प्रक्रिया के साथ-साथ उठान का काम कर रहा है. बताया जा रहा है कि करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक की लकड़ियां डिपो के अंतर्गत डंप पड़ी हुईं हैं.

इसे भी पढ़ेंः बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण पर HC सख्त, याचिकाकर्ता से मांगा जवाब

क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम के भारती ने आगे बताया कि कोविड-19 के चलते लकड़ियों की बिक्री बंद हो गई थी. ऐसे में अब धीरे-धीरे लकड़ियों की बिक्री और उठान शुरू हो चुका है. वही जंगलों में पड़ी लकड़ियां ठेकेदार के जरिए उठाने का काम चल रहा है.

जुलाई माह तक जंगलों में पड़ी सभी लकड़ियों का उठान करने का अंतिम समय है. सभी लकड़ियों को जुलाई माह से पहले जंगल से लाकर डिपो में स्टॉक कर दिया जाएगा. इसके अलावा डिपो में पड़ी लकड़ियों को बेचने के लिए टेंडर प्रक्रिया का काम भी चल रहा है.

हल्द्वानीः कोरोना काल के चलते वन विकास निगम के कुमाऊं मंडल के अलग-अलग डिपो और वन परिक्षेत्र में भारी मात्रा में बेशकीमती लकड़ी डंप पड़ी है. यही नहीं जंगलों में पड़ी लकड़ियों को रखने के लिए वन विकास निगम के पास जगह भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. वहीं लकड़ी बिक्री नहीं होने से सरकार को राजस्व नहीं मिल पा रहा है.

वन विकास निगम की डिपो में भारी मात्रा में लकड़ी पड़ी है डंप

वहीं वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएन भारती ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जंगलों के 189 परिक्षेत्र से लकड़ी की उठान होनी है, जिसके तहत अभी तक 48 परिक्षेत्रों से लकड़ी के उठान का काम चल रहा है. इस वित्तीय वर्ष में वन विकास निगम को 25,000 लाख का टारगेट रखा गया है. जिसके सापेक्ष में अभी तक 14,000 लाख रुपए के राजस्व की प्राप्ति हो चुकी है. वहीं अभी तक जंगलों से उठने वाले 85,450 घन मीटर लकड़ी के उठान के सापेक्ष में 57,000 घन मीटर लकड़ी का उठान हो चुका है.

यही नहीं कुमाऊं मंडल के 14 लकड़ी डिपो के अंतर्गत 1 लाख 40,000 घन मीटर बेशकीमती लकड़ियां डंप पड़ी हुईं हैं. जिसके लिए वन विकास निगम नीलामी की प्रक्रिया के साथ-साथ उठान का काम कर रहा है. बताया जा रहा है कि करीब 200 करोड़ रुपए से अधिक की लकड़ियां डिपो के अंतर्गत डंप पड़ी हुईं हैं.

इसे भी पढ़ेंः बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण पर HC सख्त, याचिकाकर्ता से मांगा जवाब

क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम के भारती ने आगे बताया कि कोविड-19 के चलते लकड़ियों की बिक्री बंद हो गई थी. ऐसे में अब धीरे-धीरे लकड़ियों की बिक्री और उठान शुरू हो चुका है. वही जंगलों में पड़ी लकड़ियां ठेकेदार के जरिए उठाने का काम चल रहा है.

जुलाई माह तक जंगलों में पड़ी सभी लकड़ियों का उठान करने का अंतिम समय है. सभी लकड़ियों को जुलाई माह से पहले जंगल से लाकर डिपो में स्टॉक कर दिया जाएगा. इसके अलावा डिपो में पड़ी लकड़ियों को बेचने के लिए टेंडर प्रक्रिया का काम भी चल रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.