हल्द्वानी: भारत-चीन सीमा पर हुए विवाद के बाद चाइनीज सामानों का बहिष्कार शुरू हो गया है. चाइनीज उत्पादों की जगह पर अब भारत में बने उत्पादों को विकल्प बनाया जा रहा है. भारत के बाजार में चाइना की 95 % हिस्सेदारी है. चाइना से माल नहीं आने के चलते लैपटॉप, कंप्यूटर सहित उनके एक्सेसरीज पार्ट्स में 20 से 25% की वृद्धि देखी जा रही है. ऐसे में आईटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि आईटी के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर होने की बहुत जरूरत है.
भारत-चीन सीमा पर हुए विवाद के बाद चाइनीज सामान का लगातार बहिष्कार देखा जा रहा है. यही नहीं दोनों देशों के बीच आपसी सामंजस्य नहीं बनने के चलते हजारों करोड़ का माल कस्टम में फंसा हुआ है. ऐसे में अब कंप्यूटर के क्षेत्र में कालाबाजारी शुरू हो चुकी है. जिसके चलते बाजारों में कंप्यूटर और उसके पार्ट्स के दामों में 20 से 25% का इजाफा देखा जा रहा है.
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जानकारों की मानें तो कंप्यूटर के क्षेत्र में भारत के बाजारों में चाइना की 95 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. ऐसे में भारत-चीन में इसी तरह से आगे भी विवाद रहा तो कंप्यूटर्स और एक्सेसरीज के दामों में और वृद्धि होने की आशंका हो सकती हैं. आईटी एक्सपर्ट नदीम के अनुसार भारत को आईटी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है. सरकार को इसके लिए विकल्प तलाशने की जरूरत है. तभी चाइना के बाजारों से भारतीय उत्पाद टक्कर ले सकते हैं.