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हल्द्वानी में भू माफियाओं ने खुर्द बुर्द की 55 बीघा सरकारी जमीन, DM ने दिए जांच के आदेश - नैनीताल डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल

हल्द्वानी में आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर जोशी ने एक बड़ा खुलासा किया है. आरोप है कि गौलापार के पास स्थित 55 बीघा जमीन को राजनेताओं और बड़े कारोबारियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत से खुर्द खुर्द किया है. पूरा मामला जमीन को दान देने से लेकर जुड़ा है. मामले में अब डीएम ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है.

RTI activist Ravi Shankar Joshi
आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर जोशी
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Published : Oct 19, 2022, 9:44 AM IST

हल्द्वानीः नैनीताल जिले के हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में सरकार को दी गई जमीन को भू माफियाओं की ओर से खुर्द बुर्द करने का मामला सामने आया है. जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है. पूरे मामले का खुलासा आरटीआई से हुआ है. मामले को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता ने डीएम को एक शिकायती पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने शिकायती पत्र को गंभीरता लिया है और जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम गठित कर दी है.

ये है पूरा मामला: दरअसल, हल्द्वानी के आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर जोशी (RTI activist Ravi Shankar Joshi) ने नैनीताल डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल को एक शिकायती पत्र सौंपा है. जिसमें उन्होंने बताया है कि गौलापार कुंवरपुर के पास 55 बीघा जमीन को साल 2010 में राजनेताओं और बड़े कारोबारियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर खुर्द बुर्द का किया है. जिसमें सारे सरकारी नियमों को ताक में रख सीलिंग एक्ट का उल्लंघन किया गया है. उनका आरोप है कि तत्कालीन अधिकारियों ने सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लगवाने के लिए भू माफिया के साथ साठगांठ की और सरकारी भूमि की बंदरबांट की.

सरकारी जमीन कर दी खुर्द बुर्द

55 बीघा सरकारी जमीन खुर्द बुर्द: रविशंकर जोशी ने तत्कालीन समय के अधिकारियों और भू माफिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि कैसे 55 बीघा जमीन एक व्यक्ति ने अनजान व्यक्ति को दान में दे दी और उसी अनजान व्यक्ति ने 1 महीने बाद 7 लोगों के नाम पर पूरी जमीन रजिस्ट्री करा दी. इस पूरे मामले में तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत बताई गई है. इस जमीन को विनियमितीकरण करने में भी बड़ा खेल हुआ है. 55 बीघा जमीन में विनियमितीकरण के लिए सरकार को एक पैसे का भी राजस्व नहीं मिला.
ये भी पढ़ेंः भू माफिया ने वन भूमि पर बिना अनुमति के काट डाली सड़क, मुकदमा दर्ज

आवेदनकर्ता ने ₹10 के स्टांप में यह लिख कर दिया है कि उन्होंने शुल्क जमा कर दिया है और तत्कालीन अधिकारियों ने यह जांचने की भी जहमत नहीं उठाई कि शुल्क जमा हुआ है या नहीं. उसी के आधार पर जमीन का विनियमितीकरण करने की कार्रवाई की गई. आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर ने बताया कि जिन सात लोगों के नाम रजिस्ट्री करवाई गई है, वो सब रसूखदार हैं या फिर उनके परिवार के लोग हैं. नेता भू माफियाओं से गठजोड़ करके सरकार के राजस्व को करोड़ों का चूना (Land Mafia Occupied govt land in Haldwani) लगा चुके हैं. फिलहाल, अब जिलाधिकारी ने जांच बैठा दी है.

तीस सदस्यीय जांच टीम गठितः वहीं, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल (Nainital DM Dhiraj Singh Garbyal) ने शिकायती पत्र को गंभीरता से लिया है और जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम गठित कर दी है. जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (प्र) और उपजिलाधिकारी को नामित किया गया है. उन्होंने गठित समिति के सदस्यों को 10 दिनों के भीतर अपनी जांच आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

हल्द्वानीः नैनीताल जिले के हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में सरकार को दी गई जमीन को भू माफियाओं की ओर से खुर्द बुर्द करने का मामला सामने आया है. जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है. पूरे मामले का खुलासा आरटीआई से हुआ है. मामले को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता ने डीएम को एक शिकायती पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने शिकायती पत्र को गंभीरता लिया है और जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम गठित कर दी है.

ये है पूरा मामला: दरअसल, हल्द्वानी के आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर जोशी (RTI activist Ravi Shankar Joshi) ने नैनीताल डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल को एक शिकायती पत्र सौंपा है. जिसमें उन्होंने बताया है कि गौलापार कुंवरपुर के पास 55 बीघा जमीन को साल 2010 में राजनेताओं और बड़े कारोबारियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर खुर्द बुर्द का किया है. जिसमें सारे सरकारी नियमों को ताक में रख सीलिंग एक्ट का उल्लंघन किया गया है. उनका आरोप है कि तत्कालीन अधिकारियों ने सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लगवाने के लिए भू माफिया के साथ साठगांठ की और सरकारी भूमि की बंदरबांट की.

सरकारी जमीन कर दी खुर्द बुर्द

55 बीघा सरकारी जमीन खुर्द बुर्द: रविशंकर जोशी ने तत्कालीन समय के अधिकारियों और भू माफिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि कैसे 55 बीघा जमीन एक व्यक्ति ने अनजान व्यक्ति को दान में दे दी और उसी अनजान व्यक्ति ने 1 महीने बाद 7 लोगों के नाम पर पूरी जमीन रजिस्ट्री करा दी. इस पूरे मामले में तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत बताई गई है. इस जमीन को विनियमितीकरण करने में भी बड़ा खेल हुआ है. 55 बीघा जमीन में विनियमितीकरण के लिए सरकार को एक पैसे का भी राजस्व नहीं मिला.
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आवेदनकर्ता ने ₹10 के स्टांप में यह लिख कर दिया है कि उन्होंने शुल्क जमा कर दिया है और तत्कालीन अधिकारियों ने यह जांचने की भी जहमत नहीं उठाई कि शुल्क जमा हुआ है या नहीं. उसी के आधार पर जमीन का विनियमितीकरण करने की कार्रवाई की गई. आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर ने बताया कि जिन सात लोगों के नाम रजिस्ट्री करवाई गई है, वो सब रसूखदार हैं या फिर उनके परिवार के लोग हैं. नेता भू माफियाओं से गठजोड़ करके सरकार के राजस्व को करोड़ों का चूना (Land Mafia Occupied govt land in Haldwani) लगा चुके हैं. फिलहाल, अब जिलाधिकारी ने जांच बैठा दी है.

तीस सदस्यीय जांच टीम गठितः वहीं, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल (Nainital DM Dhiraj Singh Garbyal) ने शिकायती पत्र को गंभीरता से लिया है और जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम गठित कर दी है. जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (प्र) और उपजिलाधिकारी को नामित किया गया है. उन्होंने गठित समिति के सदस्यों को 10 दिनों के भीतर अपनी जांच आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

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