देहरादून: हाल ही में कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के बड़े कारोबारी राजीव जैन के देहरादून स्थित आवास पर आयकर विभाग की रेड पड़ी थी. राजीव जैन कांग्रेस नेता होने के साथ-साथ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सीएम रहते हुए सलाहकार भी रहे हैं, इसलिए उनको हरीश रावत का करीबी भी बताया जाता है. राजीव जैन के यहां आयकर विभाग की रेड पड़ने के बाद पहली बार हरीश रावत का बयान आया है.
हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए अपना बयान जारी किया है. हरीश रावत ने कहा कि राजीव जैन रियल स्टेट और पैतृक व्यवसाय के साथ आगे बढ़ते हुए व्यवसायी हैं. ऐसे में उनके घर और बिजनेस प्रतिष्ठानों सहित उनके सहयोगों के प्रतिष्ठातों में छापा पड़ा है.
#राजीव_जैन, एक रियल स्टेट व पैतृक व्यवसाय के साथ आगे बढ़ते हुए व्यवसायी हैं, उनके घर व बिजनेस प्रतिष्ठानों सहित उनके सहयोगियों के प्रतिष्ठानों में छापा पड़ा।@rajeevjainuk21 एक पारंपरिक कांग्रेस परिवार से हैं.https://t.co/MDm47iLzYk..जांच की प्रक्रिया पर मुझे कुछ भी नहीं कहना है। pic.twitter.com/ibDAJzqcFB
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 23, 2024
उन्होंने कहा कि राजीव जैन पारंपरिक कांग्रेस परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके देहरादून की राजनीति में सक्रिय होने से पहले वो कांग्रेस में है. हरीश रावत ने कहा कि जब वो मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने छोटे कारोबारियों और व्यापार उद्यम के विषय में उनकी (राजीव जैन) जानकारी को देखते हुए उन्हें अपना सलाहकार बनाया था. लेकिन राजीव जैन के घर पर पड़े छापे को कुछ इस तरह से दिखाया और प्रचारित किया गया कि ये छापा उनके राजनीति सहयोगी और सलाहकार के घर पड़ा हो.
हरीश रावत का कहना है कि राजीव जैन ने जिन व्यवसायों का उल्लेख किया है, उनमें से कोई व्यवसाय या फिर कोई संपत्ति राजीव जैन ने उनके सलाहकार रहते हुए नहीं खरीदी है, लेकिन हो सकता है कि शायद भाजपा के शासन के दौरान खरीदी गई हो.
हरीश रावत का कहना है कि,
मैं पूरी दृढ़ता से कह रहा हूं कि मेरे मुख्यमंत्री काल के दौरान राजीव जैन ने कोई व्यावसायिक बड़ी खरीद फरोख्त नहीं की है. मैं यह भी बताना चाहता हूं कि सन् 2017 के बाद जो लोग मेरी छाया के साथ खड़े होने में भी संकित रहते थे उनमें श्री राजीव जैन भी हैं. हां, वो उन लोगों में शामिल नहीं हुए जिन्होंने आज की सत्ता के डर से मेरे खिलाफ बोलना प्रारंभ कर दिया था. शायद इसलिए सत्ता की आंखों की किरकिरी बने हैं.
सीएम धामी ने अपनी पोस्ट में फिर से दोहराया कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए राजीव जैन ने कोई व्यावसायिक लाभ नहीं उठाया है. व्यवसाय करना अपराध नहीं है. राजीव जैन कई पीढियां से व्यवसाय कर रही हैं और आगे की उनकी पीढ़ियां भी व्यवसाय करेंगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनके खातों की जांच की प्रक्रिया पर उन्हें फिलहाल कुछ भी नहीं कहना है.
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