देहरादून: हाल ही में कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के बड़े कारोबारी राजीव जैन के देहरादून स्थित आवास पर आयकर विभाग की रेड पड़ी थी. राजीव जैन कांग्रेस नेता होने के साथ-साथ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सीएम रहते हुए सलाहकार भी रहे है. इसीलिए उनको हरीश रावत का करीबी भी बताया जाता है. राजीव जैन के यहां आयकर विभाग की रेड पड़ने के बाद पहली बार हरीश रावत का बयान आया है.
हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए अपना जारी किया है. हरीश रावत ने कहा कि राजीव जैन रियल स्टेट और पैतृक व्यवसाय के साथ आगे बढ़ते हुए व्यवसायी हैं. ऐसे में उनके घर और बिजनेस प्रतिष्ठानों सहित उनके सहयोगों के प्रतिष्ठातों में छापा पड़ा है.
उन्होंने कहा कि राजीव जैन पारंपरिक कांग्रेस परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके देहरादून की राजनीति में सक्रिय होने से पहले वो कांग्रेस में है. हरीश रावत ने कहा कि जब वो मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने छोटे कारोबारियों और व्यापार उद्यम के विषय में उनकी (राजीव जैन) जानकारी को देखते हुए उन्हें अपना सलाहकार बनाया था. लेकिन राजीव जैन के घर पर पड़े छापे को कुछ इस तरह से दिखाया और प्रचारित किया गया कि ये छापा उनके राजनीति सहयोगी और सलाहकार के घर पड़ा हो.
हरीश रावत का कहना है कि राजीव जैन ने जिन व्यवसायों का उल्लेख किया है, उनमें से कोई व्यवसाय या फिर कोई संपत्ति राजीव जैन ने उनके सलाहकार रहते हुए नहीं खरीदी है, लेकिन हो सकता है कि शायद भाजपा के शासन के दौरान खरीदी गई हो.
हरीश रावत का कहना है कि वह पूरी दृढ़ता से यह बात कहना चाहते हैं कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए राजीव जैन ने कोई व्यावसायिक बड़ी खरीद फरोख्त नहीं की है. सन 2017 के बाद जो लोग मेरी छाया के साथ खड़े होने में भी संकीत रहते थे उनमें राजीव जैन भी हैं. मगर वह उन लोगों में शामिल नहीं हुए जिन्होंने आज की सत्ता के डर से मेरे खिलाफ बोलना प्रारंभ कर दिया हो. इसलिए शायद वह सत्ता की आंखों की किरकिरी बन गए.
सीएम धामी ने अपनी पोस्ट में फिर से दोहराया कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए राजीव जैन ने कोई व्यावसायिक लाभ नहीं उठाया है. व्यवसाय करना अपराध नहीं है. राजीव जैन कई पीढियां से व्यवसाय कर रही हैं और आगे की उनकी पीढ़ियां भी व्यवसाय करेंगीय इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनके खातों की जांच की प्रक्रिया पर उन्हें फिलहाल कुछ भी नहीं कहना है.
पढ़ें--