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पिता की ही रेजीमेंट में अफसर बने हल्द्वानी के दीपक सिंह, ऐसा रहा सफर - IMA Passing Out Parade Latest News

हल्द्वानी के बिठौरिया आदर्श कॉलोनी के रहने वाले दीपक सिंह IMA से पास आउट होने के बाद सीधे कुमाऊं रेजीमेंट में कमीशन मिला है.

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पिता की ही रेजीमेंट में अफसर बना हल्द्वानी का दीपक सिंह
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Published : Jun 12, 2021, 9:43 PM IST

हल्द्वानी: आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड में हल्द्वानी के बिठौरिया आदर्श कॉलोनी निवासी दीपक सिंह ने गोल्ड मेडल और ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स मेडल अपने नाम किया. 21 साल के दीपक पासिंग आउट परेड के कमांडर भी रहे. दीपक सिंह को 9 कुमाऊं रेजिमेंट की मदर यूनिट में लेफ्टिनेंट पद पर कमीशन मिला है.

उनके पिता त्रिलोक सिंह भी 9 कुमाऊं रेजिमेंट में हवलदार पद से वर्ष 2017 में रिटायर हो चुके हैं. बेटे के अपनी ही रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट बनने पर पिता को अपने पुत्र पर काफी गर्व है. दीपक की प्राथमिक शिक्षा अल्मोड़ा स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल से हुई. बचपन से ही देश सेवा की ललक की बदौलत उन्होंने घोड़ाखाल सैनिक स्कूल और नेशनल मिलिट्री स्कूल बेंगलुरू की प्रवेश परीक्षा एक साथ उत्तीर्ण की. छठी से आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने बेंगलुरू मिलिट्री स्कूल को चुना.

पढ़ें- IMA POP: भारतीय सेना को मिले 341 सैन्य अधिकारी

जिसके बाद 2016 में उनका चयन एनडीए के लिए हुआ. देशभर में उन्होंने 16वीं रैंक प्राप्त की. यहां वे रोमियो स्क्वाड्रन के स्क्वाड्रन कैडेट कैप्टन रहे. 2020 में दीपक एनडीए से पास आउट हुए. जून में आईएमए देहरादून में प्रवेश मिला.

पढ़ें- चुनौतियों के लिए तैयार सेना के नये 'शूरवीर', प्रथम पग पार कर भरी नई उड़ान

शनिवार को पासिंग आउट परेड में उन्होंने परेड का नेतृत्व किया. दीपक एक साधारण परिवार से हैं. दीपक की उपलब्धि के बाद हल्द्वानी उनके आवास पर लोगों का बधाई देने का तांता लगा हुआ है. दीपक के पिता का कहना है जिस तरह से वे देश सेवा के लिए सीमा पर मुस्तैद रहे उसी तरह से दीपक भी देश सेवा में अपना योगदान देगा.

हल्द्वानी: आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड में हल्द्वानी के बिठौरिया आदर्श कॉलोनी निवासी दीपक सिंह ने गोल्ड मेडल और ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स मेडल अपने नाम किया. 21 साल के दीपक पासिंग आउट परेड के कमांडर भी रहे. दीपक सिंह को 9 कुमाऊं रेजिमेंट की मदर यूनिट में लेफ्टिनेंट पद पर कमीशन मिला है.

उनके पिता त्रिलोक सिंह भी 9 कुमाऊं रेजिमेंट में हवलदार पद से वर्ष 2017 में रिटायर हो चुके हैं. बेटे के अपनी ही रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट बनने पर पिता को अपने पुत्र पर काफी गर्व है. दीपक की प्राथमिक शिक्षा अल्मोड़ा स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल से हुई. बचपन से ही देश सेवा की ललक की बदौलत उन्होंने घोड़ाखाल सैनिक स्कूल और नेशनल मिलिट्री स्कूल बेंगलुरू की प्रवेश परीक्षा एक साथ उत्तीर्ण की. छठी से आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने बेंगलुरू मिलिट्री स्कूल को चुना.

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जिसके बाद 2016 में उनका चयन एनडीए के लिए हुआ. देशभर में उन्होंने 16वीं रैंक प्राप्त की. यहां वे रोमियो स्क्वाड्रन के स्क्वाड्रन कैडेट कैप्टन रहे. 2020 में दीपक एनडीए से पास आउट हुए. जून में आईएमए देहरादून में प्रवेश मिला.

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शनिवार को पासिंग आउट परेड में उन्होंने परेड का नेतृत्व किया. दीपक एक साधारण परिवार से हैं. दीपक की उपलब्धि के बाद हल्द्वानी उनके आवास पर लोगों का बधाई देने का तांता लगा हुआ है. दीपक के पिता का कहना है जिस तरह से वे देश सेवा के लिए सीमा पर मुस्तैद रहे उसी तरह से दीपक भी देश सेवा में अपना योगदान देगा.

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