ETV Bharat / state

Bhaiya Dooj 2022: भैया दूज पर बन रहा विशेष सिद्धि योग, जानें तिलक लगाने का मुहूर्त

कार्तिक मा​ह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्यौहार (Uttarakhand Bhaiya Dooj festival) मनाया जाता है. इस मौके पर बहने च्यूडे़ को दूब और तेल के साथ मिलाकर भाइयों की करती हैं. साथ ही उनकी सुख समृद्धि की कामना करती हैं. इस बार भाई दूज का त्यौहार 27 अक्टूबर गुरुवार को मनाया जाएगा.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Oct 26, 2022, 8:28 AM IST

हल्द्वानी: देश के साथ ही उत्तराखंड में भैयादूज का त्योहार (Bhaiya Dooj festival 2022) बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. कुमाऊं में भाई बहन के प्रेम के प्रतीक इस त्यौहार में च्यूड़े से सिर पूजने की परंपरा सदियों पुरानी है. आज भी इस परंपरा को मनाने के लिए बहनें ससुराल से भाई को च्यूडे़ पूजने के लिए मायके आती हैं. कार्तिक मा​ह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्यौहार (Uttarakhand Bhaiya Dooj festival) मनाया जाता है. इस मौके पर बहनें च्यूडे़ को दूब और तेल के साथ मिलाकर भाइयों की सिर पूजा करती हैं. साथ ही उनकी सुख समृद्धि की कामना करती हैं. इस बार भाई दूज का त्यौहार 27 अक्टूबर गुरुवार को मनाया जाएगा.

ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी (Astrologer Navin Chandra Joshi) के मुताबिक भैया दूज के मौके पर सुबह से मध्यान्ह 12:10 बजे तक विशाखा नक्षत्र होने से प्रवर्धन योग बन रहा है. उसके पश्चात अनुराधा नक्षत्र आता है. गुरुवार को अनुराधा नक्षत्र में आनन्द योग बन रहा है और विष्कुंभ आदि 27 योगों में इस दिन सौभाग्य योग भी प्रातःकाल 7:25 से पूरे दिन रहेगा. भाई को तिलक करने का सबसे उत्तम मुहूर्त बजकर सुबह 7:25 से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. इन विशिष्ट योगों में मनाया जाने वाला भैया दूज का त्यौहार भाइयों और बहनों के लिए मधुरता, प्रेम एवं समृद्धि का कारक रहेगा.
पढ़ें-चारधाम यात्रा 2022: आज बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट, छह महीने मुखबा में होंगे दर्शन

यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस दिन भाई बहन के घर जाता है, जहां बहन भाई का तिलक करती है और भोजन भी खिलाती है. धार्मिक कथाओं के अनुसार यमराज अपनी बहन यमुना के घर आए थे और यमुना ने यमराज का तिलक कर आरती उतारी थी. तब से ही ये परंपरा चली आ रही है. भैया दूज के मौके पर यमुना नदी में स्नान करना अति उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने आते हैं. इस दिन यमुना में स्नान करने से सभी तरह के रोग, संकट, भय, अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है.

ऐसे करें भाई की पूजा

  • भैया दूज के दिन भाई को घर बुलाकर तिलक लगाकर भोजन कराने की परंपरा है.
  • पिसे हुए चावल के घोल से चौक बनाएं, भाई के हाथों पर चावल का घोल लगाएं.
  • भाई को तिलक लगाएं जिसके बाद भाई की आरती उतारें.
  • भाई के हाथ में कलावा बांध उसका मुंह मीठा कराएं और भाई को भोजन कराएं.
  • भाई को भी बहन को कुछ न कुछ उपहार में जरूर देना चाहिए.

हल्द्वानी: देश के साथ ही उत्तराखंड में भैयादूज का त्योहार (Bhaiya Dooj festival 2022) बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. कुमाऊं में भाई बहन के प्रेम के प्रतीक इस त्यौहार में च्यूड़े से सिर पूजने की परंपरा सदियों पुरानी है. आज भी इस परंपरा को मनाने के लिए बहनें ससुराल से भाई को च्यूडे़ पूजने के लिए मायके आती हैं. कार्तिक मा​ह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्यौहार (Uttarakhand Bhaiya Dooj festival) मनाया जाता है. इस मौके पर बहनें च्यूडे़ को दूब और तेल के साथ मिलाकर भाइयों की सिर पूजा करती हैं. साथ ही उनकी सुख समृद्धि की कामना करती हैं. इस बार भाई दूज का त्यौहार 27 अक्टूबर गुरुवार को मनाया जाएगा.

ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी (Astrologer Navin Chandra Joshi) के मुताबिक भैया दूज के मौके पर सुबह से मध्यान्ह 12:10 बजे तक विशाखा नक्षत्र होने से प्रवर्धन योग बन रहा है. उसके पश्चात अनुराधा नक्षत्र आता है. गुरुवार को अनुराधा नक्षत्र में आनन्द योग बन रहा है और विष्कुंभ आदि 27 योगों में इस दिन सौभाग्य योग भी प्रातःकाल 7:25 से पूरे दिन रहेगा. भाई को तिलक करने का सबसे उत्तम मुहूर्त बजकर सुबह 7:25 से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. इन विशिष्ट योगों में मनाया जाने वाला भैया दूज का त्यौहार भाइयों और बहनों के लिए मधुरता, प्रेम एवं समृद्धि का कारक रहेगा.
पढ़ें-चारधाम यात्रा 2022: आज बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट, छह महीने मुखबा में होंगे दर्शन

यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस दिन भाई बहन के घर जाता है, जहां बहन भाई का तिलक करती है और भोजन भी खिलाती है. धार्मिक कथाओं के अनुसार यमराज अपनी बहन यमुना के घर आए थे और यमुना ने यमराज का तिलक कर आरती उतारी थी. तब से ही ये परंपरा चली आ रही है. भैया दूज के मौके पर यमुना नदी में स्नान करना अति उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने आते हैं. इस दिन यमुना में स्नान करने से सभी तरह के रोग, संकट, भय, अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है.

ऐसे करें भाई की पूजा

  • भैया दूज के दिन भाई को घर बुलाकर तिलक लगाकर भोजन कराने की परंपरा है.
  • पिसे हुए चावल के घोल से चौक बनाएं, भाई के हाथों पर चावल का घोल लगाएं.
  • भाई को तिलक लगाएं जिसके बाद भाई की आरती उतारें.
  • भाई के हाथ में कलावा बांध उसका मुंह मीठा कराएं और भाई को भोजन कराएं.
  • भाई को भी बहन को कुछ न कुछ उपहार में जरूर देना चाहिए.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.