नैनीताल: आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वैज्ञानिकों ने 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण की खासा तैयारियां की हैं. ऐसे में सोने की अंगुठी के आकार में लगने वाला सूर्य ग्रहण बेहद दिलचस्प होने वाला है. इसके साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा आम जनता को सूर्यग्रहण फेसबुक, यूट्यूब और जूम के माध्यम से दिखाया जाएगा.
साल का यह पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगा. वैज्ञानिकों की मानें तो यह एक आम खगोलीय घटना है. लेकिन, देश-विदेश के वैज्ञानिकों की नजर इस सूर्य ग्रहण पर रहेगी. दरअसल, यह सूर्य ग्रहण एक सोने की अंगूठी के रूप में दिखाई देगा और इसका नजारा बेहद दिलचस्प होगा. वैज्ञानिकों ने इस सूर्यग्रहण को 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दिया है.
इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लगा था, 21 जून को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण भारत समेत दक्षिण पूर्वी यूरोप हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अफ्रीका, अमेरिका, पाकिस्तान और चीन के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.
पढ़ें- अल्मोड़ा: जागेश्वर धाम में ऑनलाइन पूजा शुरू, श्रद्धालु ऐसे करें पंजीकरण
वहीं इससे पहले भारत में 15 जनवरी 2010, सितंबर 2016 को और पिछले साल 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लगा था. इसके बाद 2020 का अगला सूर्य ग्रहण 21 जून के बाद 14 दिसंबर को दिखाई देगा जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. किसी भी प्रकार के सूर्य ग्रहण को सीधी या नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. इससे आंखों को नुकसान हो सकता है. इस सूर्य ग्रहण को सोलर फिल्टर वाले चश्मे या अन्य माध्यमों से देख सकते हैं. सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है.