हल्द्वानी: बहुचर्चित रेलवे अतिक्रमण मामले में आज से राजस्व विभाग, नगर निगम और वन विभाग सहित रेलवे ने संयुक्त रूप से सर्वे शुरू किया. अपर एडीएम अशोक जोशी के नेतृत्व में संयुक्त सर्वे का काम शुरू किया गया है. नैनीताल के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अशोक जोशी ने कहा कि क्षेत्र के 1959 के राजस्व मानचित्र के आधार पर सर्वेक्षण किया जा रहा है. वहीं, पूरे मामले में 7 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. एडीएम अशोक जोशी ने कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार को बताना है कि राजस्व की भूमि कितनी है. इसी को लेकर सर्वे कार्य किया जा रहा है.
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Survey of land at Banbhoolpura in Haldwani, which Railways claims belongs to it, begins to determine how much of it belongs to Uttarakhand govt: Officials
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हल्द्वानी रेलवे अतिक्रमण मामले को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा फिलहाल सीमांकन नहीं केवल सर्वे का कार्य किया जा रहा है. जिसमें उनके द्वारा लगातार यह मांग उठाई गई थी कि यह रेलवे की भूमि नहीं राजस्व की भूमि है. जिसे रेलवे अपना बता रहा है. इसी मांग को लेकर प्रशासन, वन विभाग, रेलवे, नगर निगम और राजस्व विभाग की टीम संयुक्त सर्वे कर रही है.
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मौके पर रेलवे वन विभाग के अधिकारियों के साथ एसडीएम जिला प्रशासन की टीम और भारी पुलिस बल मौजूद है. बीते दिनों में यह भी तय हुआ था कि हजरत चिराग, अली शाह बाबा की दरगाह और स्लॉटर हाउस को लैंड मार्क बनाकर सर्वे करेगा. इसमें राजस्व नजूल और वन भूमि की पैमाइश की जाएगी.
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रेलवे का दावा है कि उसकी 78 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है. रेलवे की जमीन पर 4365 कच्चे-पक्के मकान बने हैं. हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को रेलवे की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट गया था. अब 7 फरवरी को इस मामले में सुनवाई होनी है, लिहाजा इस बीच प्रशासन सर्वे का कार्य कर रहा है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि रातों-रात 50 हजार लोगों को नहीं उजाड़ा जा सकता है.