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JNNURM रोडवेज डिपो का काठगोदाम डिपो में विलय, घाटा बना वजह

कुमाऊं के एकमात्र जेएनएनयूआरएम रोडवेज डिपो का विलय काठगोदाम रोडवेज डिपो में कर दिया गया है. लगातार हो रहे घाटे और आर्थिक संकट के चलते यह फैसला लिया गया है.

merger of jnnurm-roadways-depot
जेएनएनयूआरएम रोडवेज डिपो का विलय.
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Published : Nov 28, 2020, 9:50 AM IST

हल्द्वानी: भारत सरकार की जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) रोडवेज डिपो का अस्तित्व काठगोदाम में खत्म हो गया है. कुमाऊं के एकमात्र जेएनएनयूआरएम रोडवेज डिपो का विलय काठगोदाम रोडवेज डिपो में कर दिया गया है. ऐसे में 100 स्टाफ और 12 बसें काठगोदाम रोडवेज डिपो में शामिल हो गई हैं.

कुमाऊं मंडल रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक यशपाल सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में जेएनएनयूआरएम के तहत अप्रैल 2010 में हरिद्वार, देहरादून और काठगोदाम में तीन डिपो बनाए गए थे. लेकिन लगातार हो रहे घाटे और आर्थिक संकट के चलते डिपो को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था. काठगोदाम डिपो में मात्र 12 बसें बची हुई थीं. जबकि बाकी बसें रिजेक्ट हो चुकी थीं. ऐसे में मुख्यालय ने जेएनएनयूआरएम डिपो का काठगोदाम रोडवेज डिपो में विलय कर दिया है. गौरतलब है कि 2010 में केंद्र सरकार से जेएनएनयूआरएम डिपो को 46 बसें मिली थीं जिसमें 25 छोटी और 21 बड़ी बसें थीं.

यह भी पढ़ें-छावनी परिषद का फैसला, आशियाना पार्क को मिलेगा जनरल टीएन रैना का नाम

वर्तमान डिपो के पास सिर्फ दो बसें ही बची थीं बाकी 10 बसें परिवहन निगम ने दी थीं. ऐसे में अब इन बसों की स्थिति खराब होने के चलते मुख्यालय के निर्देश के बाद विलय किया गया है. बताया जा रहा है कि जेएनएनयूआरएम के 14 बुकिंग क्लर्क, अकाउंटेंट, सहायक कार्यालय, 40 परिचालक और 31 चालक सहित करीब 100 स्टाफ है. सभी स्टाफ अब काठगोदाम रोडवेज डिपो से संबंद्ध हो गए हैं. सभी स्टाफ को काठगोदाम डिपो में ट्रांसफर कर दिया गया है.

हल्द्वानी: भारत सरकार की जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) रोडवेज डिपो का अस्तित्व काठगोदाम में खत्म हो गया है. कुमाऊं के एकमात्र जेएनएनयूआरएम रोडवेज डिपो का विलय काठगोदाम रोडवेज डिपो में कर दिया गया है. ऐसे में 100 स्टाफ और 12 बसें काठगोदाम रोडवेज डिपो में शामिल हो गई हैं.

कुमाऊं मंडल रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक यशपाल सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में जेएनएनयूआरएम के तहत अप्रैल 2010 में हरिद्वार, देहरादून और काठगोदाम में तीन डिपो बनाए गए थे. लेकिन लगातार हो रहे घाटे और आर्थिक संकट के चलते डिपो को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था. काठगोदाम डिपो में मात्र 12 बसें बची हुई थीं. जबकि बाकी बसें रिजेक्ट हो चुकी थीं. ऐसे में मुख्यालय ने जेएनएनयूआरएम डिपो का काठगोदाम रोडवेज डिपो में विलय कर दिया है. गौरतलब है कि 2010 में केंद्र सरकार से जेएनएनयूआरएम डिपो को 46 बसें मिली थीं जिसमें 25 छोटी और 21 बड़ी बसें थीं.

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वर्तमान डिपो के पास सिर्फ दो बसें ही बची थीं बाकी 10 बसें परिवहन निगम ने दी थीं. ऐसे में अब इन बसों की स्थिति खराब होने के चलते मुख्यालय के निर्देश के बाद विलय किया गया है. बताया जा रहा है कि जेएनएनयूआरएम के 14 बुकिंग क्लर्क, अकाउंटेंट, सहायक कार्यालय, 40 परिचालक और 31 चालक सहित करीब 100 स्टाफ है. सभी स्टाफ अब काठगोदाम रोडवेज डिपो से संबंद्ध हो गए हैं. सभी स्टाफ को काठगोदाम डिपो में ट्रांसफर कर दिया गया है.

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