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हल्द्वानीः शहरवासियों को मिलेगा शुद्ध पेयजल, पायलट प्रोजेक्ट के तहत होगा कार्य - हल्द्वानी फिल्टर प्लांट

हल्द्वानी के शीतला हाट प्लांट में पायलट प्रोजेक्ट के तहत अत्याधुनिक शोधन संयंत्र लगाया जाएगा. ऐसे में ये प्रयोग सफल रहा तो शहर के सभी ट्रीटमेंट प्लांट में संयंत्र स्थापित किया जाएगा.

haldwani drinking water
जल शोधन संयंत्र
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Published : Nov 5, 2020, 11:39 AM IST

हल्द्वानीः अब शहरवासियों को शुद्ध पेयजल के लिए नहीं तरसना पड़ेगा. इसके लिए जल संस्थान पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहरवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने जा रहा है. इस योजना के तहत जल संस्थान के चार फिल्टर प्लांट में रसायन गैस या दवा रहित अत्याधुनिक शोधन संयंत्र लगाने जा रहा है. पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शीतला हाट प्लांट में संयंत्र लगेगा. प्रयोग सफल होने के बाद शहर के चारों जल संस्थान के फिल्टर प्लांट में संयंत्र की स्थापना की जाएगी. इसके लिए जलसंस्थान ने दिल्ली के एक कंपनी से अनुबंध किया है, जो नई तकनीक के माध्यम से पानी को फिल्टर कर लोगों तक पहुंचाएगा.

बता दें कि हल्द्वानी शहर के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गौला नदी के पानी को चार फिल्टर प्लांट के माध्यम से ट्रीटमेंट कर पेयजल उपलब्ध कराया जाता है. कई बार ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से गंदा पानी लोगों तक पहुंचने की संभावनाएं बनी रहती है. ऐसे में कई तरह के कीटाणु और विषाणु पेयजल में आ जाते हैं. जिसके लिए जल संस्थान हाइपो या क्लोरीन डालकर पानी की सफाई करता है, लेकिन कई बार दूषित पानी की शिकायत सामने आती हैं. ऐसे में लोगों को शत-प्रतिशत शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए नई तकनीक को अपनाने का फैसला लिया गया है.

ये भी पढ़ेंः गांधी पार्क में म्यूजिकल फाउंटेन तैयार, 9 नवंबर को होगा उद्घाटन

अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि जिला अधिकारी के निर्देश पर शहर के लोगों तक शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है. पहले चरण में 2.5 एमएलडी क्षमता के शीतला घाट प्लांट में नई तकनीक का संयंत्र लगाने का काम किया जा रहा है. इसकी सफलता के बाद शहर के अन्य चार प्लांटों में भी संयंत्र लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस काम को किया जाना है. इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी से अनुबंध किया गया है, प्रयोग सफल रहा तो शहर के सभी ट्रीटमेंट प्लांट में संयंत्र स्थापित किया जाएगा.

हल्द्वानीः अब शहरवासियों को शुद्ध पेयजल के लिए नहीं तरसना पड़ेगा. इसके लिए जल संस्थान पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहरवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने जा रहा है. इस योजना के तहत जल संस्थान के चार फिल्टर प्लांट में रसायन गैस या दवा रहित अत्याधुनिक शोधन संयंत्र लगाने जा रहा है. पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शीतला हाट प्लांट में संयंत्र लगेगा. प्रयोग सफल होने के बाद शहर के चारों जल संस्थान के फिल्टर प्लांट में संयंत्र की स्थापना की जाएगी. इसके लिए जलसंस्थान ने दिल्ली के एक कंपनी से अनुबंध किया है, जो नई तकनीक के माध्यम से पानी को फिल्टर कर लोगों तक पहुंचाएगा.

बता दें कि हल्द्वानी शहर के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गौला नदी के पानी को चार फिल्टर प्लांट के माध्यम से ट्रीटमेंट कर पेयजल उपलब्ध कराया जाता है. कई बार ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से गंदा पानी लोगों तक पहुंचने की संभावनाएं बनी रहती है. ऐसे में कई तरह के कीटाणु और विषाणु पेयजल में आ जाते हैं. जिसके लिए जल संस्थान हाइपो या क्लोरीन डालकर पानी की सफाई करता है, लेकिन कई बार दूषित पानी की शिकायत सामने आती हैं. ऐसे में लोगों को शत-प्रतिशत शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए नई तकनीक को अपनाने का फैसला लिया गया है.

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अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि जिला अधिकारी के निर्देश पर शहर के लोगों तक शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है. पहले चरण में 2.5 एमएलडी क्षमता के शीतला घाट प्लांट में नई तकनीक का संयंत्र लगाने का काम किया जा रहा है. इसकी सफलता के बाद शहर के अन्य चार प्लांटों में भी संयंत्र लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस काम को किया जाना है. इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी से अनुबंध किया गया है, प्रयोग सफल रहा तो शहर के सभी ट्रीटमेंट प्लांट में संयंत्र स्थापित किया जाएगा.

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