हल्द्वानी: शहर की आबादी लगातार बढ़ रही है. आबादी के साथ-साथ हल्द्वानी में पीने की पानी की संकट भी बढ़ता जा रहा है. भूमिगत जल स्रोत अब धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं, ऐसे में शहर के लोगों को प्यास बुझाने के लिए उत्तराखंड जल संस्थान गौला नदी से जलापूर्ति की क्षमता 50 एमएलडी (million liters per day) तक करने जा रहा है. करीब 90 करोड़ की योजना से नए ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जाएगी.
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने जल निगम और जल संस्थान को भूमिगत जल निर्भरता कम करने के लिए गौला नदी से जलापूर्ति को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. भविष्य में पानी की निर्भरता को देखते हुए जल संस्थान गौला नदी से सप्लाई होने वाले जलापूर्ति की क्षमता को 11 एमएलडी से बढ़कर 50 एमएलडी करने जा रहा है.अधीक्षक अभियंता जल संस्थान विशाल कुमार सक्सेना ने बताया कि आने वाले दिनों में पीने के पानी की आवश्यकता को देखते हुए गौला नदी से होने वाले जलापूर्ति की क्षमता बढ़ाने की डीपीआर तैयार किए जा रहे हैं.
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जिसके तहत शीशमहल स्थित 1960 का फिल्टर प्लांट नंबर एक और दो की क्षमता 11 एमएलडी है, जिसको अब 50 एमएलडी क्षमता की ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने की कार्रवाई को जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि यह कार्य योजना जमरानी बांध परियोजना के अंतर्गत होनी थी. लेकिन जमरानी बांध परियोजना में अभी देरी है, ऐसे में भविष्य में पानी की आवश्यकता को देखते हुए गौला नदी से होने वाले जलापूर्ति की क्षमता बढ़ाई जा रही है. उन्होंने बताया कि नया ट्रीटमेंट प्लांट बन जाने से शहर को 4 गुना और अतिरिक्त पानी उपलब्ध होगा और भविष्य में पानी की संकट कम होगी.
गौरतलब है कि हल्द्वानी की आधी आबादी की प्यास गौला नदी बुझाती है गर्मियों में पानी की सबसे ज्यादा संकट हल्द्वानी में देखा जाता है. शहर में पीने की पानी नहीं मिलने पर लोग समय-समय पर आंदोलन भी करते रहते हैं. ऐसे में शहर की पेयजल व्यवस्था को ठीक करने के लिए शासन के निर्देश के बाद अब जल संस्थान और जल निगम गौला नदी की जलापूर्ति को बढ़ाने जा रहा है. करीब 90 करोड़ की योजना से नए ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जाएगी.