हल्द्वानी: 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. वैसे भारत में योग का इतिहास बहुत पुराना है. शास्त्रों और वेदों में भी योग का उल्लेख मिलता है. जबकि, 21 जून 2015 को पूरे विश्व में पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. 2015 के बाद योग दिवस का स्वरूप धीरे-धीरे और भी बढ़ता जा रहा है. लोग अब योग को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बना चुके हैं और वर्तमान में सभी के जीवन में योग का महत्व भी भी बढ़ गया है.
योग दैनिक जीवन में शामिल करना बहुत जरूरी है. योगाचार्य का अनुसार योग हमारे जीवन में भौतिक, मानसिक, आत्मिक और आध्यात्मिक संतुलन बनता है. व्यावहारिक स्तर पर योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने का एक साधन है. योग शारीरिक तंदुरुस्ती के साथ मानसिक तनाव को भी दूर करता है. जबकि, एरोबिक्स और जिम से शारीरिक मजबूती ही मिलती है.
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योगाचार्य दीपक पांडे के मुताबिक डांस भी एक फिजिकल एक्सरसाइज है. डांस से शरीर को तंदुरुस्त होता है. लेकिन इससे मानसिक और आध्यात्मिक शांति नहीं मिलती. जबकि, योग में प्राणों का आयाम, श्वास प्रक्रिया, ध्यान साधना कई क्रिया होती है. योग सरल और सहज होता है. हर उम्र का व्यक्ति योग कर सकता है.
2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के बाद से योग के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है. वर्तमान में योग के प्रति लोगों में रुचि और भी बढ़ती जा रही है. लोग भी मानते हैं कि योग मनुष्य के जीवन के लिए बहुत जरुरी है. इससे आत्मिक और मानसिक शांति मिलती है.