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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: योग से मिलती है आत्मिक और मानसिक शांति

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Published : Jun 20, 2019, 10:47 AM IST

21 जून यानी कल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है. 21 जून 2015 को पूरे विश्व में पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. योग से दैनिक जीवन में भौतिक, मानसिक, आत्मिक और आध्यात्मिक संतुलन बनता है.

योग से मिलती है आत्मिक और मानसिक शांति

हल्द्वानी: 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. वैसे भारत में योग का इतिहास बहुत पुराना है. शास्त्रों और वेदों में भी योग का उल्लेख मिलता है. जबकि, 21 जून 2015 को पूरे विश्व में पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. 2015 के बाद योग दिवस का स्वरूप धीरे-धीरे और भी बढ़ता जा रहा है. लोग अब योग को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बना चुके हैं और वर्तमान में सभी के जीवन में योग का महत्व भी भी बढ़ गया है.

योग से मिलती है आत्मिक और मानसिक शांति

योग दैनिक जीवन में शामिल करना बहुत जरूरी है. योगाचार्य का अनुसार योग हमारे जीवन में भौतिक, मानसिक, आत्मिक और आध्यात्मिक संतुलन बनता है. व्यावहारिक स्तर पर योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने का एक साधन है. योग शारीरिक तंदुरुस्ती के साथ मानसिक तनाव को भी दूर करता है. जबकि, एरोबिक्स और जिम से शारीरिक मजबूती ही मिलती है.

पढ़ें- मानसून सीजन को लेकर सीएम ने लिया तैयारियों का जायजा, जारी किए 70 करोड़ रुपए

योगाचार्य दीपक पांडे के मुताबिक डांस भी एक फिजिकल एक्सरसाइज है. डांस से शरीर को तंदुरुस्त होता है. लेकिन इससे मानसिक और आध्यात्मिक शांति नहीं मिलती. जबकि, योग में प्राणों का आयाम, श्वास प्रक्रिया, ध्यान साधना कई क्रिया होती है. योग सरल और सहज होता है. हर उम्र का व्यक्ति योग कर सकता है.

2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के बाद से योग के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है. वर्तमान में योग के प्रति लोगों में रुचि और भी बढ़ती जा रही है. लोग भी मानते हैं कि योग मनुष्य के जीवन के लिए बहुत जरुरी है. इससे आत्मिक और मानसिक शांति मिलती है.

हल्द्वानी: 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. वैसे भारत में योग का इतिहास बहुत पुराना है. शास्त्रों और वेदों में भी योग का उल्लेख मिलता है. जबकि, 21 जून 2015 को पूरे विश्व में पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. 2015 के बाद योग दिवस का स्वरूप धीरे-धीरे और भी बढ़ता जा रहा है. लोग अब योग को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बना चुके हैं और वर्तमान में सभी के जीवन में योग का महत्व भी भी बढ़ गया है.

योग से मिलती है आत्मिक और मानसिक शांति

योग दैनिक जीवन में शामिल करना बहुत जरूरी है. योगाचार्य का अनुसार योग हमारे जीवन में भौतिक, मानसिक, आत्मिक और आध्यात्मिक संतुलन बनता है. व्यावहारिक स्तर पर योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने का एक साधन है. योग शारीरिक तंदुरुस्ती के साथ मानसिक तनाव को भी दूर करता है. जबकि, एरोबिक्स और जिम से शारीरिक मजबूती ही मिलती है.

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योगाचार्य दीपक पांडे के मुताबिक डांस भी एक फिजिकल एक्सरसाइज है. डांस से शरीर को तंदुरुस्त होता है. लेकिन इससे मानसिक और आध्यात्मिक शांति नहीं मिलती. जबकि, योग में प्राणों का आयाम, श्वास प्रक्रिया, ध्यान साधना कई क्रिया होती है. योग सरल और सहज होता है. हर उम्र का व्यक्ति योग कर सकता है.

2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के बाद से योग के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है. वर्तमान में योग के प्रति लोगों में रुचि और भी बढ़ती जा रही है. लोग भी मानते हैं कि योग मनुष्य के जीवन के लिए बहुत जरुरी है. इससे आत्मिक और मानसिक शांति मिलती है.

Intro:sammry- योग के साथ डांस भी एक फिजिकल एक्सरसाइज- योगाचार्य।( असाइनमेंट न्यूज़)


एंकर- 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है। भारत में योग का इतिहास बहुत पुराना है शास्त्रों, वेदों में भी योग का भरपूर जिक्र किया गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोषणाओं के बाद विश्व योग दिवस का शुभारंभ 21 जून 2015 को पूरे विश्व में पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। 2015 के बाद योग दिवस का स्वरूप धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। लोग अब योग को अपना जीवन का जरिया बना चुके हैं। वर्तमान में मनुष्य के शरीर में बढ़ती बीमारीयो के चलते आज के समय में सभी के जीवन में योग का बहुत अधिक महत्व हो गया है।


Body:आज के भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में योग का बड़ा योगदान है ।योग मनुष्य को सही तरह से जीने का एक विज्ञान है और इसके लिए योग दैनिक जीवन में शामिल किया जाना बहुत जरूरी हो गया है। योगाचार्य का अनुसार हमारे जीवन में जुड़े भौतिक ,मानसिक ,आत्मिक और और आध्यात्मिक स्तर पर जुड़ने का मुख्य अर्थ है व्यावहारिक स्तर पर योग शरीर मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। योग शारीरिक फिटनेस के साथ साथ आंतरिक और मानसिक तनाव को भी दूर करता है। जबकि डांस और जिम केवल शारीरिक फिटनेस होता है।
योगाचार्य दीपक पांडे के मुताबिक डांस भी एक फिजिकल एक्सरसाइज है डांस के द्वारा शरीर के बाहरी एक्सरसाइज बहुत अच्छा होता है लेकिन शरीर के आंतरिक भागों का एक्सरसाइज नहीं हो पाता है। क्योंकि योगा के अंदर प्राणों का आयाम, श्वास प्रक्रिया ,ध्यान योग सहित कई क्रिया ऐसी है जो डांस के अंदर नहीं हो सकती। यही नहीं योग शरीर के हारमोंस एक्सरसाइज को ठीक रखता है योग आरामदायक होता है और हर कोई और हर उम्र का व्यक्ति कर सकता है लेकिन डांस एक्सरसाइज हर कोई नहीं कर सकता।

बाइट -दीपक पांडे योगाचार्य



Conclusion:अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन के बाद आज के समय में योग का उज्जवल भविष्य सामने हैं। वर्तमान में योग के प्रति लोगों में रुचि बढ़ती जा रही है जिससे आने वाले समय में योग का स्तर और व्यापक होता जा रहा है और योग की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो चुका है। लोग भी मानते हैं कि योग मनुष्य के जीवन के लिए बहुत जरूरी हो चुका है आप लोगों को योग के प्रति और बढ़ चला हिस्सा लेना चाहिए जिससे कि लोग स्वस्थ रहें और समाज स्वस्थ रहें तभी देश स्वस्थ रहेगा।

बाइट- राजकुमार सेतिया योगकरता
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