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Plastic Bag Free Day 2019: प्लास्टिक को लेकर जनता में जागरुकता की कमी, धड़ल्ले से हो रहा उपयोग

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Published : Jul 3, 2019, 7:49 PM IST

Updated : Jul 3, 2019, 9:13 PM IST

प्लास्टिक और पॉलिथीन दुनिया के साथ-साथ प्रदेश के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है. इसके दुष्प्रभावों से लोगों को जागरूक करने के लिए विश्वभर में 3 जुलाई को इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री-डे मनाया जाता है. बावजूद इसके प्लास्टिक और पॉलिथीन का उपयोग बंद नहीं हो रहा है.

इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री-डे

हल्द्वानी: 3 जुलाई को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री-डे के रूप में मनाया जाता है. प्लास्टिक के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है. लेकिन प्लास्टिक और पॉलिथीन का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है. जो पूरे प्रदेश में एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है.

इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री-डे.

हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी शहरों में प्लास्टिक के बैग धड़ल्ले से इस्तेमाल किये जा रहे हैं. सामाजिक संगठन और जिला प्रशासन के अनुसार वह लगातार प्लास्टिक प्रयोग ना करने को लेकर जागरुकता अभियान चलाता है. साथ ही जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर छापामारी की कार्रवाई भी की जाती है. लेकिन पॉलिथीन का प्रयोग बंद होने का नाम नहीं ले रहा है.

पढ़ें- ऑपरेशन डेयरडेविल: पर्वतारोहियों की लाशों की शिनाख्त करना मुश्किल, सिर्फ एक की हुई पहचान

उप जिलाधिकारी विवेक राय का कहना है कि पॉलिथिन के खिलाफ जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई करता है. जिसमें दोषियों के खिलाफ जुर्माना भी वसूल किया जाता है. उन्होंने कहा कि लोग धीरे-धीरे अब पॉलिथीन के प्रयोग के प्रति जागरूक हो रहे हैं. जल्द ही पॉलिथीन के प्रयोग पर नियंत्रण पा लिया जाएगा.

मालूम हो कि प्लास्टिक भूमि की उर्वरक क्षमता को खत्म करने के साथ-साथ पर्यावरण को भी दूषित करता है. प्लास्टिक खाने से जानवरों की आंते खराब हो जाती हैं. बरसात के दिनों में नालों में जमा पॉलिथीन पानी निकासी की समस्या पैदा करती है.

हल्द्वानी: 3 जुलाई को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री-डे के रूप में मनाया जाता है. प्लास्टिक के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है. लेकिन प्लास्टिक और पॉलिथीन का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है. जो पूरे प्रदेश में एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है.

इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री-डे.

हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी शहरों में प्लास्टिक के बैग धड़ल्ले से इस्तेमाल किये जा रहे हैं. सामाजिक संगठन और जिला प्रशासन के अनुसार वह लगातार प्लास्टिक प्रयोग ना करने को लेकर जागरुकता अभियान चलाता है. साथ ही जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर छापामारी की कार्रवाई भी की जाती है. लेकिन पॉलिथीन का प्रयोग बंद होने का नाम नहीं ले रहा है.

पढ़ें- ऑपरेशन डेयरडेविल: पर्वतारोहियों की लाशों की शिनाख्त करना मुश्किल, सिर्फ एक की हुई पहचान

उप जिलाधिकारी विवेक राय का कहना है कि पॉलिथिन के खिलाफ जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई करता है. जिसमें दोषियों के खिलाफ जुर्माना भी वसूल किया जाता है. उन्होंने कहा कि लोग धीरे-धीरे अब पॉलिथीन के प्रयोग के प्रति जागरूक हो रहे हैं. जल्द ही पॉलिथीन के प्रयोग पर नियंत्रण पा लिया जाएगा.

मालूम हो कि प्लास्टिक भूमि की उर्वरक क्षमता को खत्म करने के साथ-साथ पर्यावरण को भी दूषित करता है. प्लास्टिक खाने से जानवरों की आंते खराब हो जाती हैं. बरसात के दिनों में नालों में जमा पॉलिथीन पानी निकासी की समस्या पैदा करती है.

Intro:sammry- इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे।
एंकर- आज इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे है ।3 जुलाई को प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के लिए मनाया जाने वाला दिन लोगों को प्लास्टिक के प्रति जागरूक करना होता है। लक्ष अमृता के बाद भी लोग आज भी प्लास्टिक का धड़ल्ले से उपयोग उपयोग कर रहे हैं। पॉलिथीन का बढ़ता हुआ प्रयोग ना केवल वर्तमान के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी खतरनाक पैदा हो रहा है। प्लास्टिक प्रदेश के लिए एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है।


Body:प्लास्टिक से होने वाले दुष्प्रभाव सहित इससे होने वाले नुकसान के प्रति सामाजिक संगठन और जिला प्रशासन प्लास्टिक प्रयोग नहीं करने को लेकर जागरूकता अभियान चलाता है ।यही नहीं प्लास्टिक को प्रयोग को लेकर जिला प्रशासन समय-समय पर छापामारी अभियान भी चलाता है और बड़ी कार्रवाई भी करता है है और भारी मात्रा में जुर्माना भी बसूलता है लेकिन प्लास्टिक और पॉलिथीन का प्रयोग अभी भी बेधड़क हो रहा है।
प्लास्टिक कभी नष्ट नहीं होता है इसे मिट्टी में गाड़ दिया जाएगा तो भी यह समाप्त नहीं होता है। इससे भूमि की उर्वरक क्षमता खत्म कर देते हैं। साथ-साथ पर्यावरण पर खास दुष्प्रभाव पड़ता है इसके अलावा मानव जीवन पर इसका दुष्प्रभाव काफी पड़ता है।
यह नहीं पॉलिथीन इतना घातक है कि अगर इसको जानवर सेवन करता है तो उसकी आते खराब होती है। बरसात के दिनों में पॉलिथीन नालों में जमा हो जाता है जिससे कारण पानी निकासी की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है इस तरह गंदगी है जो बीमारियों का कारक होता है।
धीरे-धीरे लोगों में प्लास्टिक के प्रति जागरूकता भी आ रहा है। लोगों को बाजार जाने से पहले कपड़े या जूट से बने बैग को अपने साथ ले जाना चाहिए जिससे कि पॉलिथीन के प्रयोग से बचा जा सके।


Conclusion:उप जिलाधिकारी विवेक राय का कहना है कि पालीथिन के खिलाफ जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई करता है साथी का प्रयोग करने वालों के खिलाफ जुर्माना वसूल ता है। इसके अलावा पॉलिथीन का प्रयोग ना करें इसके लिए समय-समय पर जांच अभियान भी चलाया जाता है। लोग धीरे-धीरे अब पॉलिथीन के प्रयोग के प्रति जागरूक हो रहे हैं और पॉलिथीन का प्रयोग पर नियंत्रण पाया जा रहा है।

बाइट -विवेक राय उपजिलाधिकारी हल्द्वानी
Last Updated : Jul 3, 2019, 9:13 PM IST
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