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खतरे में नैनीताल, IIRS की टीम ने ड्रोन से लिया जायजा

बलिया नाले में भूस्खलन के बाद हर साल टीमें नैनीताल के इस बलिया नाला क्षेत्र का दौरा करती रहती हैं. लेकिन हर साल सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिलता है. लेकिन इस बार देहरादून की IIRS यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग की टीम को निरीक्षण के लिए बुलाया गया. जहां टीम ने ड्रोन की मदद से बलिया नाले का निरीक्षण किया.

बलिया नाला में जबरदस्त भूस्खलन
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Published : Jul 15, 2019, 9:31 PM IST

नैनीताल: सरोवर नगरी का अस्तित्व धीरे-धीरे खतरे की जद में आ रहा है. 1970 के दशक से नैनीताल की बुनियाद के रूप में पहचान रखने वाला बलिया नाला में लगातार हो रहा भूस्खलन एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है. जिसके निरीक्षण के लिए देहरादून से IIRS की टीम ने नैनीताल पहुंची और ड्रोन की मदद से बलिया नाले का निरीक्षण किया.

IIRS की टीम ने बलिया नाला का किया निरीक्षण

नैनीताल में 1970 से हर साल बरसात के दौरान बलिया नाला में जबरदस्त भूस्खलन होता आ रहा है. लेकिन बीते 3 सालों से हो रहे भूस्खलन के कारण क्षेत्र की 30 फीट जगह इसकी जद में आ गई है. जिसकी वजह से यहां रह रहे स्थानीय लोगों पर भी खतरा मंडराने लगा है.

पढे़ं- कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 रणबांकुरों ने दी थी आहुति, एक साथ आए 9 शवों से शोक में डूब गया था पहाड़

जिसको देखते हुए प्रशासन द्वारा करीब 30 परिवारों को यहां से विस्थापित किया जा चुका है. साथ ही कुछ परिवारों को विस्थापित होने का नोटिस भी दिया गया है. वहीं 100 साल पुराने जीआईसी स्कूल को भी खाली कराने की नोटिस दे दिया गया है, ताकि बरसात के दौरान किसी प्रकार का कोई बड़ा हादसा ना हो.

बता दें कि भूस्खलन के बाद हर साल टीमें नैनीताल के इस बलिया नाला क्षेत्र का दौरा करती रहती हैं. लेकिन हर साल सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिलता है. पिछले साल हुए जबरदस्त भूस्खलन के बाद प्रशासन को बलिया नाले के ट्रीटमेंट के लिए गंभीर होना पड़ा.

जिसको लेकर आज सोमवार को नैनीताल डीएम सविन बंसल द्वारा देहरादून की IIRS यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग की टीम को निरीक्षण के लिए बुलाया. जहां टीम ने ड्रोन की मदद से बलिया नाले का निरीक्षण किया. साथ ही क्षेत्र में रह रहे लोगों के घरों का भी खाका तैयार किया गया, जो खतरे की जद में हैं.

नैनीताल: सरोवर नगरी का अस्तित्व धीरे-धीरे खतरे की जद में आ रहा है. 1970 के दशक से नैनीताल की बुनियाद के रूप में पहचान रखने वाला बलिया नाला में लगातार हो रहा भूस्खलन एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है. जिसके निरीक्षण के लिए देहरादून से IIRS की टीम ने नैनीताल पहुंची और ड्रोन की मदद से बलिया नाले का निरीक्षण किया.

IIRS की टीम ने बलिया नाला का किया निरीक्षण

नैनीताल में 1970 से हर साल बरसात के दौरान बलिया नाला में जबरदस्त भूस्खलन होता आ रहा है. लेकिन बीते 3 सालों से हो रहे भूस्खलन के कारण क्षेत्र की 30 फीट जगह इसकी जद में आ गई है. जिसकी वजह से यहां रह रहे स्थानीय लोगों पर भी खतरा मंडराने लगा है.

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जिसको देखते हुए प्रशासन द्वारा करीब 30 परिवारों को यहां से विस्थापित किया जा चुका है. साथ ही कुछ परिवारों को विस्थापित होने का नोटिस भी दिया गया है. वहीं 100 साल पुराने जीआईसी स्कूल को भी खाली कराने की नोटिस दे दिया गया है, ताकि बरसात के दौरान किसी प्रकार का कोई बड़ा हादसा ना हो.

बता दें कि भूस्खलन के बाद हर साल टीमें नैनीताल के इस बलिया नाला क्षेत्र का दौरा करती रहती हैं. लेकिन हर साल सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिलता है. पिछले साल हुए जबरदस्त भूस्खलन के बाद प्रशासन को बलिया नाले के ट्रीटमेंट के लिए गंभीर होना पड़ा.

जिसको लेकर आज सोमवार को नैनीताल डीएम सविन बंसल द्वारा देहरादून की IIRS यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग की टीम को निरीक्षण के लिए बुलाया. जहां टीम ने ड्रोन की मदद से बलिया नाले का निरीक्षण किया. साथ ही क्षेत्र में रह रहे लोगों के घरों का भी खाका तैयार किया गया, जो खतरे की जद में हैं.

Intro:Summey
नैनीताल की बुनियाद कहे जाने वाले बलिया नाले में आज इसरो की टीम ने निरीक्षण करा।

Intro
1970 के दशक से नैनीताल की बुनियाद के रूप में जाने जाने वाले बलिया नाले में हो रहे भूस्खलन की गंभीर समस्या को देखते हुए आज देहरादून से इसरो की टीम नैनीताल पहुंची और टीम ने ड्रोन की मदद से बलिया नाले का निरीक्षण करा।


Body:नैनीताल में 1970 से हर साल बरसात के दौरान नैनीताल के बलिया नाला में जबरदस्त भूस्खलन होता आया है लेकिन बीते 3 सालों से हो रहे भूस्खलन की वजह से करीब क्षेत्र का 30 फीट क्षेत्र भूस्खलन की जद में आ गया है जिसकी वजह से यहां रह रहे स्थानीय लोगों की जान पर भी खतरा मंडराने लगा है जिसको देखते हुए प्रशासन द्वारा करीब 30 परिवारों को यहां से विस्थापित किया गया है और कुछ परिवारों को विस्थापित होने का नोटिस दिया गया है जबकि 100 साल पुराने जीआईसी स्कूल को भी खाली कराने की नोटिस प्रिंसिपल को दे दिए गए हैं ताकि बरसात के दौरान किसी प्रकार का कोई बड़ा हादसा ना हो सके


Conclusion:वहीं भूस्खलन के बाद हर साल टीमें नैनीताल के इस बलिया नाला क्षेत्र का दौरा करती रही है,, और हर साल काम के नाम पर आश्वासन देकर बैरंग लौट जाती हैं,, लेकिन पिछले साल हुए जबरदस्त भूस्खलन के बाद प्रशासन बलियानाले के ट्रीटमेंट के लिए थोड़ा गंभीर दिखा है,,, जिसको लेकर आज नैनीताल के डीएम सवीन बंसल के द्वारा देहरादून की(इसरो) यानी इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग की टीम को नैनीताल के क्षेत्र में बुलाया गया और टीम ने ड्रोन की मदद से बलिया नाले का निरीक्षण करा,,, और क्षेत्र का नक्शा बनाया साथ ही टीम ने क्षेत्र में रह रहे लोगों के भावनो का भी खाका तैयार किया जो खतरे की जद में है,,, ताकि आने वाले समय में इस क्षेत्र में रह रहे लोगों को सुरक्षित बचाया जा सके।
आपको बताते चलें कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन बलिया नाले को बचाने के लिए पिछले साल के बाद कुछ गंभीर दिखे हैं और उनके द्वारा पूर्व में जापान की जाइका टीम को भी बलियानाले के निरीक्षण के लिए भेजा गया था ताकि जल्द से जल्द बलिया नाला का ट्रीटमेंट किया जा सके और लगातार हो रहे भूस्खलन को रोका जा सके,,,
और विश्व प्रसिद्ध सरोवर नगरी के अस्तित्व को बचाया जा सके।

बाईट- सविन बंसल, डी एम नैनीताल।
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