रामनगरः कॉर्बेट नेशनल पार्क के झिरना और तराई पश्चिमी के फाटो पर्यटन जोन में घायल बाघ की जान नहीं बचाई जा सकी. बाघ ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पार्क प्रशासन की मानें तो बाघ के बॉडी पर कई जगह गहरे घाव बने हुए थे. जिसके चलते उसके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. जिसके चलते उसकी जान चली गई.
बता दें कि कार्बेट के झिरना रेंज और तराई पश्चिमी के फाटो रेंज में सफारी के दौरान पर्यटकों ने मालकुंड वाटर हॉल के पास एक घायल बाघ देखा. इसके अलावा वन कर्मियों ने भी इस बाघ को गश्त के दौरान देखा था. जिसके बाद कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने उच्चाधिकारियों से अनुमति लेकर घायल बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया. जहां झिरना रेंज के फाटो बीट में बाघ का रेस्क्यू किया गया.
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बाघ के सिर, गर्दन और पैरों में थे गहरे घावः वहीं, कॉर्बेट पार्क अधिकारियों ने घायल बाघ को ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर लाया और पशु चिकित्सकों की निगरानी में रखा. जहां उसका इलाज शुरू किया गया. पशु चिकित्सकों के मुताबिक, बाघ के सिर, गर्दन और पैरों में गंभीर घाव थे. इलाज के दौरान बाघ के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.
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लीवर से लेकर अन्य अंग हो गए थे प्रभावितः डॉक्टरों की मानें तो घायल बाघ की मानसिक स्थिति बदली हुई थी. साथ ही उसका लीवर भी काम नहीं कर रहा था और बीपी भी गिर गया था. बाघ की स्थिति काफी गंभीर थी. हालांकि, डॉक्टरों की टीम ने उसके बचाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. बाघ की उम्र करीब 5 वर्ष थी.
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आपसी संघर्ष में बाघ हुआ था घायलः कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उप निदेशक दिगनाथ नायक ने बताया कि बाघ गंभीर रूप से घायल था. जो आपसी संघर्ष में घायल प्रतीत हो रहा था. उन्होंने कहा कि एनटीसीए के नियमानुसार बाघ पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से ये प्रतीत हुआ कि आपसी संघर्ष में बाघ गंभीर रूप से घायल हुआ था.