हल्द्वानीः बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का नेता प्रतिपक्ष के लिए अपशब्द कहने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत मामले में इंदिरा हृदयेश से माफी मांग चुके हैं लेकिन बंशीधर भगत ने माफी न मांगते हुए अपना बयान वापस लेने की बात कही. दूसरी तरफ कांग्रेसी नेता लगातार बंशीधर भगत के खिलाफ अपना आक्रोश जता रहे हैं. तो अब खुद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि वो मुख्यमंत्री का सम्मान करती हैं लेकिन बंशीधर भगत का कृत्य क्षमा योग्य नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा है कि बंशीधर द्वारा की गई अमर्यादित भाषा का बीजेपी हाईकमान ने भी संज्ञान लिया है. यही नहीं प्रदेश और देशभर की महिलाओं में बंशीधर भगत के खिलाफ आक्रोश है. इससे बड़ी सजा उनके लिए नहीं हो सकती. उन्होंने आगे कहा कि ये बीजेपी पार्टी तय करेगी कि उन्हें पार्टी में बने रहना चाहिए या नहीं. बंशीधर भगत के माफी न मांगने वाले बयान पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैंने उनसे माफी की कभी उम्मीद नहीं की है. वे अड़े रहें या माफी न मांगे. ये उनका खुद का फैसला है.
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ईटीवी भारत संवाददाता से फोन पर बातचीत में बंशीधर भगत ने सफाई दी थी कि उन्होंने जो कहा वो पहाड़ की आम बोल-चाल वाली भाषा है. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि क्या बंशीधर भगत ही पहाड़ की भाषा जानते हैं. पहाड़ से उतना ही लगाव मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी रहा है और पीएम नरेंद्र मोदी का भी. लेकिन उन्होंने कभी इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया.
वहीं, बंशीधर भगत द्वारा नेता प्रतिपक्ष और उनके पुत्र को बीजेपी में शामिल होने की बात पर इंदिरा हृदयेश ने कहा है कि बंशीधर भगत पहले अपना टिकट तो फाइनल कर लें. वो कौन होते हैं, उनको टिकट देने वाले. वह कांग्रेस की सबसे पुरानी लीडर में से एक हैं और कांग्रेस में उनको काफी सम्मान मिला है और हमेशा वे कांग्रेस के लिए समर्पित रहेंगी.