हल्द्वानीः देवभूमि में बर्फबारी अब कम होने को है. हालांकि, मौसम में ठंड अभी भी बरकरार है. लेकिन, प्रदेश की सियासत की गर्माहट कम होने का नाम नहीं ले रही है. बर्फबारी को लेकर एक बार फिर सियासत शुरू हो चुकी है. पहला तीर छोड़ा है नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश ने. इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश सरकार और सरकारी मशीनरी पर सवाल खड़े किए और कहा कि बर्फबारी के हालात से निपटने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही, क्योंकि पहले से ही कोई तैयारी नहीं थी.
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि मौसम विभाग की चेतावनी के बाद भी सरकार ने सबक नहीं लिया. इसका नतीजा ये रहा कि भारी बर्फबारी के बाद प्रदेशभर की सड़कों की अभी तक मरम्मत नहीं हो पाई है. कई गांव बिजली और पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. लोगों को काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है.
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त्रिवेंद्र सरकार पर तंज कसते हुए इंदिरा कहती हैं कि सरकार को सीएए को लेकर जागरुकता कार्यक्रम से फुरसत हो तो वे और काम पर ध्यान दें. बीजेपी सीएए को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए 3 करोड़ों घरों में जाने पर ज्यादा ध्यान दे रही है, इसके बजाय प्रदेश में बर्फबारी से फैली अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने पर कोई ध्यान नहीं है.
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वहीं, पर्यटक मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश में हुई भारी बर्फबारी पर कहा कि इस बार उम्मीद नहीं थी कि इतनी भारी मात्रा में बर्फबारी होगी. ऐसे में अब उत्तराखंड को शीतकालीन पर्यटन स्थल बनाए जाने की कवायद चल रही है. जिससे कि यहां पर भारी संख्या में पर्यटक आ सके और यहां के मौसम का आनंद ले सकें.