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IMA की मांग, छोटे अस्पतालों पर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू नहीं किया जाए

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Published : Nov 19, 2022, 4:08 PM IST

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने धामी सरकार से मांग की है कि यूपी और अन्य राज्यों की तरह की उत्तराखंड में 50 बेड से कम के प्राइवेट अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से बाहर रखा जाए. इसको लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर जेएस खुराना ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात की है.

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हल्द्वानी: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जेएस खुराना ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर 50 बेड से कम संख्या वाले प्राइवेट अस्पतालों पर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट न लगाने की मांग की.

आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जेएस खुराना ने बताया कि उत्तराखंड के पड़ोसी राज्यों ने 50 बेड से कम वाले छोटे अस्पतालों पर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट नहीं लगाया है. उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला छोटा राज्य है. यहां पर छोटे-छोटे अस्पतालों पर ही ज्यादातर लोग निर्भर हैं.
पढ़ें- ऑटो-विक्रम चालकों को आरटीओ का अल्टीमेटम, नहीं चलेंगी 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां

डॉ खुराना का कहना है कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के नियमों के चलते छोटे अस्पताल संचालकों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 50 बेड और उससे कम वाले अस्पतालों को एक्ट में छूट देने की मांग लंबे वक्त से की जा रही है, जबकि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यह व्यवस्था लागू है. क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से छोटे अस्पताल बंदी की कगार में आ जाएंगे, लिहाजा उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इसे हटाने की मांग की है.

डॉ खुराना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने भी उन्हें जल्द इस विषय में उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया है. सरकारी और निजी क्षेत्रों में चलने वाले अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, क्लीनिक, लेब आदि को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में ऑनलाइन पंजीकरण करवाना आवश्यक है. एक्ट में अस्पतालों की विभिन्न सेवाओं में पारदर्शिता को लेकर कई प्रावधान एवं मापदंड तय किये गए है. एक्ट के मापदंडों की उल्लंघन पाए जाने पर 5 हजार से लेकर पांच लाख रुपए तक के जुर्माने और पंजीकरण रद्द करने तक का प्रावधान है.

हल्द्वानी: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जेएस खुराना ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर 50 बेड से कम संख्या वाले प्राइवेट अस्पतालों पर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट न लगाने की मांग की.

आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जेएस खुराना ने बताया कि उत्तराखंड के पड़ोसी राज्यों ने 50 बेड से कम वाले छोटे अस्पतालों पर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट नहीं लगाया है. उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला छोटा राज्य है. यहां पर छोटे-छोटे अस्पतालों पर ही ज्यादातर लोग निर्भर हैं.
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डॉ खुराना का कहना है कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के नियमों के चलते छोटे अस्पताल संचालकों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 50 बेड और उससे कम वाले अस्पतालों को एक्ट में छूट देने की मांग लंबे वक्त से की जा रही है, जबकि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यह व्यवस्था लागू है. क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से छोटे अस्पताल बंदी की कगार में आ जाएंगे, लिहाजा उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इसे हटाने की मांग की है.

डॉ खुराना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने भी उन्हें जल्द इस विषय में उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया है. सरकारी और निजी क्षेत्रों में चलने वाले अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, क्लीनिक, लेब आदि को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में ऑनलाइन पंजीकरण करवाना आवश्यक है. एक्ट में अस्पतालों की विभिन्न सेवाओं में पारदर्शिता को लेकर कई प्रावधान एवं मापदंड तय किये गए है. एक्ट के मापदंडों की उल्लंघन पाए जाने पर 5 हजार से लेकर पांच लाख रुपए तक के जुर्माने और पंजीकरण रद्द करने तक का प्रावधान है.

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