रामनगर: जंगली जानवरों के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने कॉर्बेट कार्यालय में प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने मानव वन्यजीव संघर्ष में जान गंवाने वालों को मिलने वाली मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की. ग्रामीणों ने मुआवजा राशि 25 लाख करने की मांग की.
बता दें रामनगर क्षेत्र के आसपास विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीवों का आतंक है. जिसके कारण ग्रामीण डर के साए में जीने के लिए मजबूर हैं. बाघ और गुलदार यहां लगातार ग्रामीणों के पालतू मवेशियों को अपना शिकार बना रहे हैं. वहीं कई इंसानों को भी ये अपना निवाला बन चुके हैं. वहीं जंगली हाथी ग्रामीणों की खून पसीने की कमाई से खेत में लगाई गई फसलों को भी चौपट कर रहे हैं.
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बता दें ग्राम कानिया क्षेत्र में पिछले हफ्ते एक बाघ ने पांच मवेशियों को अपना शिकार बनाया. वहीं, रामनगर के हाथीडंगर क्षेत्र में बाघ ने एक महिला को मौत के घाट उतारने के साथ ही कई लोगों को घायल कर दिया था. रविवार की देर रात कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने कानियां क्षेत्र से दो बाघों को रेस्क्यू कर लिया था, लेकिन इसके बाद भी ग्रामीणों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है.
सोमवार को दर्जनो ग्रामीणों ने कॉर्बेट कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों ने धरना देते हुए कहा दो बाघ पकड़ने से मामला शांत नहीं होगा. उन्होंने कहा गांव में अभी कई बाघ और गुलदार हैं, इन सभी को यहां से दूसरी जगह भेजा जाये. गांव में सुरक्षा दीवार बनाने के साथ ही जंगली जानवरों का शिकार होने वाले मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि बढ़ाकर 25 लख रुपए दी जाये. घायलों का उपचार विभाग द्वारा निशुल्क करवाया जाये. उन्होंने कहा यदि विभाग ने उनकी मांगों को नहीं माना तो शीघ्र एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.