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गौला नदी की सर्वे करेगी आईआईटी रुड़की की टीम, भविष्य को लेकर बनाएगी प्लान

वन विभाग की टीम ने आपदा के खतरे और नुकसान को रोकने के लिए आईआईटी रुड़की की टीम को बुलाने का फैसला लिया है. जिससे नुकसान से समय रहते बचा जा सके.

Haldwani
गौला नदी
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Published : Nov 6, 2021, 12:22 PM IST

Updated : Nov 6, 2021, 1:14 PM IST

हल्द्वानी: बीते दिनों पहाड़ों पर आई भारी आपदा से हल्द्वानी, बिंदुखत्ता के अलावा उधम सिंह नगर में भारी तबाही मचीं थी. नदी कई लोगों के मकान, खेत और फसल बहा ले गई, जिसके चलते लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. ऐसे में अब वन विभाग ने भविष्य में नदी से होने वाले खतरे और नुकसान को रोकने के लिए आईआईटी रुड़की की टीम को बुलाया है. वहीं नदी के 30 किलोमीटर एरिया का सर्वे कर भविष्य में आने वाले खतरे से गांव को बचा जा सके. आईआईटी रुड़की की टीम ने सर्वे कर तैयार रिपोर्ट वन विभाग को सौंपेगी.

प्रभागीय वन अधिकारी तराई पूर्वी संदीप कुमार ने बताया कि बीते दिनों आई भारी बरसात के चलते गौला नदी ने भारी तबाही मचाई थी. नदी में बनाए गए बाढ़ सुरक्षा सहित बनाए गए पुराने तटबंध को भारी नुकसान पहुंचा है. नदी में जगह-जगह बनाए गए सुरक्षा दीवार तटबंध ,चेकडैम बह गए हैं. ऐसे में पुनर्निर्माण और भविष्य की कार्य योजना तैयार की जाएगी, जिससे नदी से होने वाले नुकसान से लोगों को बचा जा सके.

गौला नदी की सर्वे करेगी आईआईटी रुड़की की टीम.

पढ़ें- गौला पुल पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू, आपदा में पुल हुआ था क्षतिग्रस्त

इसको लेकर आईआईटी रुड़की के एक्सपर्ट टीम को पत्र भेजा गया है. जिसके माध्यम से नदी के 30 किलोमीटर एरिया का सर्वे कराकर भविष्य में नदी में आने वाले बाढ़ से होने वाले नुकसान की कार्य योजना तैयार कर निर्माण कराया जाएगा. वहीं, ग्रामीण इलाकों को नदी से होने वाले नुकसान से समय रहते बचाया जाएगा.

पढ़ें- गंगा में नहाते वक्त डूबा गुजरात का छात्र, संस्कृत पढ़ने आया था हरिद्वार

डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि पीसीसीएफ के निर्देश के बाद आईआईटी की टीम रुड़की को पत्र लिखा गया है. टीम द्वारा सर्वे करने के बाद कार्य योजना की रिपोर्ट को शासन को भेजा जाएगा. स्वीकृति मिलने के बाद नदी के किनारे तटबंध,सुरक्षा दीवार, सहित अन्य निर्माण कार्य योजना का निर्माण कराया जाएगा.

हल्द्वानी: बीते दिनों पहाड़ों पर आई भारी आपदा से हल्द्वानी, बिंदुखत्ता के अलावा उधम सिंह नगर में भारी तबाही मचीं थी. नदी कई लोगों के मकान, खेत और फसल बहा ले गई, जिसके चलते लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. ऐसे में अब वन विभाग ने भविष्य में नदी से होने वाले खतरे और नुकसान को रोकने के लिए आईआईटी रुड़की की टीम को बुलाया है. वहीं नदी के 30 किलोमीटर एरिया का सर्वे कर भविष्य में आने वाले खतरे से गांव को बचा जा सके. आईआईटी रुड़की की टीम ने सर्वे कर तैयार रिपोर्ट वन विभाग को सौंपेगी.

प्रभागीय वन अधिकारी तराई पूर्वी संदीप कुमार ने बताया कि बीते दिनों आई भारी बरसात के चलते गौला नदी ने भारी तबाही मचाई थी. नदी में बनाए गए बाढ़ सुरक्षा सहित बनाए गए पुराने तटबंध को भारी नुकसान पहुंचा है. नदी में जगह-जगह बनाए गए सुरक्षा दीवार तटबंध ,चेकडैम बह गए हैं. ऐसे में पुनर्निर्माण और भविष्य की कार्य योजना तैयार की जाएगी, जिससे नदी से होने वाले नुकसान से लोगों को बचा जा सके.

गौला नदी की सर्वे करेगी आईआईटी रुड़की की टीम.

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इसको लेकर आईआईटी रुड़की के एक्सपर्ट टीम को पत्र भेजा गया है. जिसके माध्यम से नदी के 30 किलोमीटर एरिया का सर्वे कराकर भविष्य में नदी में आने वाले बाढ़ से होने वाले नुकसान की कार्य योजना तैयार कर निर्माण कराया जाएगा. वहीं, ग्रामीण इलाकों को नदी से होने वाले नुकसान से समय रहते बचाया जाएगा.

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डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि पीसीसीएफ के निर्देश के बाद आईआईटी की टीम रुड़की को पत्र लिखा गया है. टीम द्वारा सर्वे करने के बाद कार्य योजना की रिपोर्ट को शासन को भेजा जाएगा. स्वीकृति मिलने के बाद नदी के किनारे तटबंध,सुरक्षा दीवार, सहित अन्य निर्माण कार्य योजना का निर्माण कराया जाएगा.

Last Updated : Nov 6, 2021, 1:14 PM IST
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