हल्द्वानी: तेज तर्रार आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने एक बार फिर केंद्र सरकार को मुश्किलों में डाल दिया है. काले धन से संबंधित एक आरटीआई का जवाब नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. ऐसे में एक बार फिर भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने का दावा करने वाली मोदी सरकार काले धन को लेकर घिर सकती है.
बता दें कि, आईएफएस संजीव चतुर्वेदी ने अगस्त 2017 में प्रधानमंत्री कार्यालय में सूचना के अधिकार के तहत एक आरटीआई दायर की थी. जिसमें उन्होंने पूछा था कि केंद्र सरकार अब तक विदेशों से कितना काला धन वापस लाई है. साथ ही मोदी मंत्रिमंडल के कितने मंत्रियों के खिलाफ शिकायतें प्रधानमंत्री कार्यालय में आई हैं. इसके साथ ही उन्होंने ये भी पूछा था कि उनके कितने मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.
वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने गोपनीयता भंग होने और काला धन से संबंधित जांच प्रभावित होने का हवाला देकर उनकी आरटीआई को खारिज कर दिया था. वहीं संजीव चतुर्वेदी के वकील प्रशांत भूषण इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए. जहां पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय को नोटिस जारी किया है. साथ ही उनसे इस मामले में जवाब मांगा है.
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मामले में संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि हर नागरिक को ये जानने का अधिकार है कि उनके जनप्रतिनिधियों ने कितना भ्रष्टाचार किया है और उनके ऊपर भ्रष्टाचार के क्या मामले हैं. इसको लेकर उन्होंने आरटीआई दाखिल की थी, जिसका जवाब नहीं मिलने पर उन्हें मजबूरन सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ा.