रामनगर: सरकारें भले ही शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लाख दावे कर ले उसके बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है. प्रदेश में आज भी कई स्कूलों के भवन जर्जर हालत में हैं. कहीं पढ़ाने वाले टीचरों की कमी है तो कहीं पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है. वहीं, कई स्कूल ऐसे हैं जहां छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं. विकासखंड कोटाबाग में पड़ने वाले बोहराकोट क्षेत्र का राजकीय प्राथमिक विद्यालय इसी की एक बानगी है. जर्जर हो चुका ये स्कूल हादसों को दावत दे रहा है.
बता दें कोटाबाग विकासखण्ड बोहराकोट क्षेत्र में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय (Renovation of Bohrakot Primary School building) की हालत खस्ता है. ये राजकीय प्राथमिक विद्यालय हादसों को दावत दे रहा है. स्थानीय लोग भवन की जर्जर हालत के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर उच्च अधिकारियों तक को कई बार पत्र लिख चुके हैं, मगर अब तक हालात जस के जस हैं.
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वहीं, जब ईटीवी भारत ने इस जरूरी मुद्दे पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धनसिंह रावत (Higher Education Minister Dr Dhansingh Rawat) से सवाल जवाब किया. जिसके बाद धन सिंह रावत ने कहा कोटाबाग विकासखंड के बोहराकोट राजकीय प्राथमिक विद्यालय के लिए डीपीआर बनाने के काम को लेकर आदेश दे दिये गये हैं. जल्द ही इसके भवनों का जीर्णोद्धार (Renovation of Bohrakot Primary School building) कर दिया जाएगा.
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अब भले ही मंत्री से स्कूल और भवनों के जीर्णोद्धार और डीपीआर के आदेश के बात कर रहे हो, मगर ये सोचे जाने की जरूरत है कि जिस जगह बच्चों को भविष्य के लिए तैयार किया जाता हो उसकी आखिर कोई सुनवाई क्यों नहीं होती है. मामले में कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से बात की गई. हर बार उनका नकारात्मक रवैया सामने आया.