नैनीताल: हल्द्वानी के गफूर बस्ती क्षेत्र में रेलवे की भूमि पर हुए अतिक्रमण मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे से पूछा है कि जिस भूमि पर अतिक्रमण किया गया है उस जमीन पर किसका अधिकार है?
बता दें कि हल्द्वानी निवासी समाजसेवी रवि शंकर जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि रेलवे की करीब 1 लाख 20 हाजर स्क्वायर मीटर भूमि पर लोगों ने अवैध अतिक्रमण कर लिया है. जिस पर बस्ती का निर्माण कर दिया गया है. प्रशासन इस अतिक्रमण को हटाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है.
पढ़ें- चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन में होगा बदलाव, अब होगा फोटोमैट्रिक पंजीकरण
हाईकोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता का कहना है कि अतिक्रमण की वजह से रेलवे अपने कई विकास कार्य नहीं कर पा रही है. रेलवे न तो कर्मचारियों के लिए आवासों का निर्माण कर पा रही है. न ही रेलवे ट्रैक का विस्तार किया जा रहा है. लिहाजा इस अतिक्रमण को हटाया जाए.
पढ़ें- चीन-नेपाल बॉर्डर के पास ITBP ने संदिग्ध शख्स को पकड़ा, पूछताछ में जुटीं एजेंसियां
पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे. जिसके बाद हल्द्वानी गफूर बस्ती क्षेत्र में रहने वाले कुछ लोगों के द्वारा कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई. जिसमें कहा गया कि जिस भूमि पर वह काबिज हैं वह रेलवे की नहीं है. लिहाजा अतिक्रमण को ध्वस्त नहीं किया जा सकता.
पढ़ें- केरल विधानसभा चुनाव : कांग्रेस के लिए गुटबाजी और अंतहीन कलह बनी सिरदर्द
जिसके बाद से हाईकोर्ट में ये मामला विचाराधीन है. आज मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार और रेलवे से पूछा है कि जिस भूमि पर अतिक्रमण किया गया है उस भूमि पर मालिकाना हक किसका है?