नैनीतालः प्रदेश में लंबे समय से बंद स्लाटर हाउस के मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने नैनीताल नगर पालिका और रामनगर नगर पालिका को आदेश दिए हैं कि वो अपने क्षेत्रों में 15 जुलाई तक हर हाल में स्लाटर हाउस को अस्तित्व में लाकर उनका संचालन करवाएं. वहीं कोर्ट ने पालिका के अधिकारियों को आदेश दिये हैं कि वो स्लाटर हाउस को चलाकर मामले कि विस्तृत रिपोर्ट शपथ पत्र द्वारा 1अगस्त को कोर्ट में पेश करें.
वहीं स्लाटर हाउस के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी भी व्यक्त की और नगर पालिका नैनीताल, रामनगर तथा नगर निगम हल्द्वानी को आदेश दिये हैं कि स्लाटर हाउस को लेकर सभी पालिका नियम और मानक पूरे कर लें और स्लाटर हाउस संचालित करने में कोई बहाना ना बनाएं.
आपको बता दें की पहले नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश के सभी अवैध स्लाटर हाउस को बन्द करने के आदेश दिये थे और कहा था कि खुले में किसी भी प्रकार से जानवर न काटे जाएं. जिसके बाद से पूरे प्रदेश में स्लाटर हाउस बन्द हैं.
कोर्ट के इस आदेश को मीट करोबरियों ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें कहा कि पूर्व में हाई कोर्ट ने 9 दिसंबर 2011 को एक आदेश जारी कर प्रदेश में सरकार को मानक के अनुसार स्लाटर हाउस बनाने के आदेश दिये थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के 8 साल बाद भी स्लाटर हाउस बनाने के आदेश का पालन नहीं किया गया.
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जिसकी वजह से स्लाटर हाउस का मामला अधर में है, लिहाजा कोर्ट के आदेश का पालन ना करने वाले अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए.