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स्लाटर हाउस निर्माण में देरी को लेकर हाई कोर्ट की फटकार, 15 जुलाई तक शुरू करने के निर्देश

स्लाटर हाउस के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी भी व्यक्त की और नगर पालिका नैनीताल, रामनगर तथा नगर निगम हल्द्वानी को आदेश दिये हैं कि स्लाटर हाउस को लेकर सभी पालिका नियम और मानक पूरे कर लें और स्लाटर हाउस संचालित करने में कोई बहाना ना बनाएं.

हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया
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Published : Apr 2, 2019, 10:07 PM IST


नैनीतालः प्रदेश में लंबे समय से बंद स्लाटर हाउस के मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने नैनीताल नगर पालिका और रामनगर नगर पालिका को आदेश दिए हैं कि वो अपने क्षेत्रों में 15 जुलाई तक हर हाल में स्लाटर हाउस को अस्तित्व में लाकर उनका संचालन करवाएं. वहीं कोर्ट ने पालिका के अधिकारियों को आदेश दिये हैं कि वो स्लाटर हाउस को चलाकर मामले कि विस्तृत रिपोर्ट शपथ पत्र द्वारा 1अगस्त को कोर्ट में पेश करें.

वहीं स्लाटर हाउस के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी भी व्यक्त की और नगर पालिका नैनीताल, रामनगर तथा नगर निगम हल्द्वानी को आदेश दिये हैं कि स्लाटर हाउस को लेकर सभी पालिका नियम और मानक पूरे कर लें और स्लाटर हाउस संचालित करने में कोई बहाना ना बनाएं.

स्लाटर हाउस के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की.


आपको बता दें की पहले नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश के सभी अवैध स्लाटर हाउस को बन्द करने के आदेश दिये थे और कहा था कि खुले में किसी भी प्रकार से जानवर न काटे जाएं. जिसके बाद से पूरे प्रदेश में स्लाटर हाउस बन्द हैं.

कोर्ट के इस आदेश को मीट करोबरियों ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें कहा कि पूर्व में हाई कोर्ट ने 9 दिसंबर 2011 को एक आदेश जारी कर प्रदेश में सरकार को मानक के अनुसार स्लाटर हाउस बनाने के आदेश दिये थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के 8 साल बाद भी स्लाटर हाउस बनाने के आदेश का पालन नहीं किया गया.

यह भी पढ़ेंः वायरल वीडियो मामले में मनीष खंडूड़ी ने मानी अपनी गलती, चुनाव आयोग को दिया जवाब

जिसकी वजह से स्लाटर हाउस का मामला अधर में है, लिहाजा कोर्ट के आदेश का पालन ना करने वाले अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए.


नैनीतालः प्रदेश में लंबे समय से बंद स्लाटर हाउस के मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने नैनीताल नगर पालिका और रामनगर नगर पालिका को आदेश दिए हैं कि वो अपने क्षेत्रों में 15 जुलाई तक हर हाल में स्लाटर हाउस को अस्तित्व में लाकर उनका संचालन करवाएं. वहीं कोर्ट ने पालिका के अधिकारियों को आदेश दिये हैं कि वो स्लाटर हाउस को चलाकर मामले कि विस्तृत रिपोर्ट शपथ पत्र द्वारा 1अगस्त को कोर्ट में पेश करें.

वहीं स्लाटर हाउस के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी भी व्यक्त की और नगर पालिका नैनीताल, रामनगर तथा नगर निगम हल्द्वानी को आदेश दिये हैं कि स्लाटर हाउस को लेकर सभी पालिका नियम और मानक पूरे कर लें और स्लाटर हाउस संचालित करने में कोई बहाना ना बनाएं.

स्लाटर हाउस के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की.


आपको बता दें की पहले नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश के सभी अवैध स्लाटर हाउस को बन्द करने के आदेश दिये थे और कहा था कि खुले में किसी भी प्रकार से जानवर न काटे जाएं. जिसके बाद से पूरे प्रदेश में स्लाटर हाउस बन्द हैं.

कोर्ट के इस आदेश को मीट करोबरियों ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें कहा कि पूर्व में हाई कोर्ट ने 9 दिसंबर 2011 को एक आदेश जारी कर प्रदेश में सरकार को मानक के अनुसार स्लाटर हाउस बनाने के आदेश दिये थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के 8 साल बाद भी स्लाटर हाउस बनाने के आदेश का पालन नहीं किया गया.

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जिसकी वजह से स्लाटर हाउस का मामला अधर में है, लिहाजा कोर्ट के आदेश का पालन ना करने वाले अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए.

Intro:स्लग- स्लॉटर हाउस

रिपोर्ट- गौरव जोशी

स्थान - नैनीताल

एंकर- प्रदेश में लंबे समय से बंद स्लॉटर हाउस के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए नैनीताल नगर पालिका और राम नगर नगर पालिका को आदेश दिए हैं कि वो अपने चेत्रो मे 15जुलाई तक हर हाल मे स्लाटर हाऊसो को अस्तित्व मे लकार उनका संचालन करवाये,,,
वही कोर्ट ने पालीक के अधिकारियो को आदेश दिये है कि वो स्लाटर हाऊसो को चला कर मामले कि विस्तर्त रिपोर्ट सपथ पत्र द्वारा 1अगस्त को कोर्ट मे पेश करे,,,


Body:वहीं स्लॉटर हाउसो के निर्माण में हो रही देरी को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने नाराजगी भी व्यक्ति करी और नगर पालिका नैनीताल,रामनगर,और नगर निगम हल्द्वानी को आदेश दिये है कि स्लाटर हाऊस को लेकर सभी पालिका नियम और मानक पूरे कर ले,,ओर स्लाटर हाऊस संचालित करने को लेकर कोई बहाना ना बनाये,,,
ओर स्लाटर हाऊस चलाकर रिपोर्ट सपथ पत्र पेश कर कोर्ट मे पेश करे।



Conclusion:आपको बता दे की पुर्व मे नैनीताल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने प्रदेश के सभी अवेध स्लाटर हाऊसो को बन्द करने के आदेश दिये थे ओर कहा था की खुले मे किसी भी प्रकार से जानवर ना काटे जाए,,,जिसके बाद से पुरे प्रदेश मे स्लाटर हाऊस बन्द है,,,कोर्ट के इस आदेश को मीट करोबरियो ने नैनीताल हाई कोर्ट मे चुनौती दी जिसमे कहा की पुर्व मे हाई कोर्ट ने 9दिसंबर 2011को एक आदेश जारी कर प्रदेश मे सरकार को मानक के अनुसार स्लाटर हाऊस बनने के आदेश दिये थे,,लेकिन कोर्ट के आदेश के 8साल बाद भी स्लाटर हाऊस बनाने के आदेश का पालन नही करा गया,,,जिस वझह से स्लाटर हाऊस का मामला अधर मे है,,,लिहाजा कोर्ट के आदेश का पालन ना करने वाले अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए,,,

बाईट-सी के शर्मा,अधिवक्ता याचीकाकर्ता
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