नैनीताल: हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने मल्लीताल थाने के कोतवाल प्रीतम सिंह को बहाल करने के आदेश डीजीपी को दिए हैं. पूर्व में डीजीपी ने कोतवाल को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया था. आज इस मामले पर कोतवाल की तरफ से बहाल करने हेतु कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया. जबकि इस मामले में पूर्व में कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए डीजीपी को कोर्ट में पेश होने को कहा था. डीजीपी इस मामले में कोर्ट में पेश हुए थे. उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह पुलिस की लापरवाही है जिसके चलते कोतवाल को निलंबित कर दिया गया है.
गौर हो कि नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) में मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.
ये था मामला: कोतवाल द्वारा एक पक्ष की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था, जबकि दूसरे पक्ष की शिकायत पर मामला दर्ज नहीं किया गया. जब यह मामल हाईकोर्ट पहुंचा तो कोतवाली मल्लीताल नैनीताल के कोतवाल प्रीतम सिंह को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए. कोतवाल कोर्ट के आदेश होने के बाद भी पेश नहीं हुए और अपना मोबाइल नॉट रिचेबल कर दिया. जिसपर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए डीजीपी को कोर्ट में पेश होने को कहा था.
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डीजीपी इस मामले में कोर्ट में पेश हुए थे, उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह पुलिस की लापरवाही है और इसी लापरवाही के चलते उन्होंने कोतवाल को निलंबित कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन ठीक ढंग नहीं कर रही है, जिसके परिणाम स्वरूप प्रेमी जोड़े आये दिन उच्च न्यायालय में सुरक्षा के लिए प्रत्येक दिन दस से पन्द्रह याचिकाएं दायर कर रहे हैं. जबकि याचिकाएं दायर करने से पहले उनके द्वारा सुरक्षा दिलाए जाने को लेकर एसएसपी व सम्बन्धित थानों को प्रार्थना पत्र दिया जाता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही उनको सुरक्षा दी जाती है. ऐसे वादों को थानों से निपटाया जा सकता है.