देहरादूनः भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारियों ने 15 फरवरी को आईएफएस संगठन के बैनर तले नई कार्यकारिणी तय की. इसमें कुछ नए चेहरों को शामिल किया गया है. खास बात यह है कि कई आईएफएस अधिकारियों ने ही इस बैठक से दूरी बनाकर रखी. आईएफएस मीट में वन मंत्री सुबोध उनियाल भी मौजूद रहे. जिसके सामने आईएफएस अफसरों ने कुछ व्यवहारिक बातों को भी रखा.
उत्तराखंड में आईएफएस संगठन की नई कार्यकारिणी का गठन हो गया. आईएफएस संगठन ने सर्वसम्मति से पीसीसीएफ कपिल लाल को अध्यक्ष घोषित किया. इससे पहले भी पीसीसीएफ कपिल लाल ही इस पद को देख रहे थे. उन्हें संगठन के सदस्यों ने अध्यक्ष पद पर दोबारा जिम्मेदारी दी है. उपाध्यक्ष पद के लिए एपीसीसीएफ मीनाक्षी जोशी को जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले इस जिम्मेदारी को एपीसीसीएफ निशांत वर्मा देख रहे थे. लेकिन अब सर्व सम्मति से मीनाक्षी जोशी को चुना गया है. इसी तरह महासचिव पद पर सीएफ धर्म सिंह मीणा को जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले महासचिव का पद राजीव धीमान देख रहे थे. आईएफएस एसोसिएशन में कोषाध्यक्ष के पद पर मसूरी के डीएफओ अमित कंवर को दोबारा चुना गया है. इससे पहले भी कोषाध्यक्ष का पद उन्हीं के पास था.
आईएफएस मीट के दौरान जहां एक तरफ साल भर के रिकार्ड्स का लेखा-जोखा संगठन के सदस्यों के सामने रखा गया तो वहीं नई कार्यकारिणी की प्रक्रिया को भी पूरा किया गया. इस दौरान वन मंत्री सुबोध उनियाल भी आईएफएस मीट में पहुंचे थे. जिन्होंने अधिकारियों को हर तरह से सहयोग करने की बात कही और पूरी लगन के साथ अपना काम करने का संदेश भी दिया.
वहीं एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल लाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा
राज्य में आईएफएस अधिकारियों द्वारा बेहतर तरीके से काम किया जा रहा है और अलग-अलग क्षेत्र में कई नई पहल भी की गई है.
IFS मीट में कई अफसरों का ना पहुंचना भी रहा चिंताजनक: आईएफएस मीट के दौरान कई आईएफएस अधिकारी बैठक से नदारद रहे. यहां तक की वन मुख्यालय में तैनात कई आईएफएस अधिकारी भी इस बैठक में नहीं पहुंचे. जाहिर है कि आईएफएस संगठन के लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए. हालांकि कई अधिकारियों के जरूरी कार्यों में होने के कारण भी इनके ना पहुंचने की संभावना है. लेकिन उत्तराखंड में आईएफएस अधिकारियों के कुल कैडर के करीब 30 प्रतिशत से भी ज्यादा अधिकारी इस बैठक में नहीं दिखाई दिए.
दरअसल पूर्व में भी अधिकारियों में विभिन्न मामलों को लेकर खींचतान दिखाई दी है. ऐसे में संगठन की भूमिका को लेकर भी चर्चाएं हुई हैं. हालांकि इस सबसे इतर आईएफएस संगठन बैठक से दूरी बनाने वाले अफसरों से संवाद करेगा, इसकी भी उम्मीद है.
राज्य में आईएफएस की संख्या करीब 67 है. जिसमें से आठ अधिकारी फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर बाहर है. इस तरह राज्य में करीब 59 आईएफएस अधिकारी है. जिनमें से करीब 32 आईएफएस अधिकारियों ने इस बैठक में शिरकत की. इस तरह देखा जाए तो करीब 27 आईएफएस अधिकारी इस बैठक में नहीं पहुंचे. ऐसे में आईएफएस मीट में इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों का न पहुंचना संगठन के लिए एक बड़ी चिंता का सबब है.
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