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हाई कोर्ट का आदेश, पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त पर रोक के लिए कानून बनाए राज्य सरकार

कोर्ट ने पंचायत सदस्यों के नेपाल भ्रमण पर जाने वाले प्रत्याशियों पर भी नजर रखने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं.

हाई कोर्ट
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Published : Oct 17, 2019, 8:28 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड पंचायत चुनाव में पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त और उनको विदेश घुमाने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने 34 बिंदुओं का एक आदेश पारित किया है. जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार और विधानसभा को पंचायत चुनाव के लिए तत्काल कड़े कानून बनाने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- गोल्डन फॉरेस्ट की 486 हेक्टेयर जमीन आएगी सरकार के काम, CM त्रिवेंद्र ने दी हरी झंडी

कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश

  • मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि पंचायत चुनाव में जीते सदस्यों के पासपोर्ट की नियमित चेकिंग की जाए.
  • कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह सदस्यों की खरीद-फरोख्त के लिए अधिकारियों की नियुक्ति करें. सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले में शिकायत लिखित ही नहीं बल्कि मौखिक रूप में भी दर्ज की जाएगी.
  • वहीं कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को आदेश दिए हैं कि ब्लाक प्रमुख समेत जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवारों को सूचित करें कि अगर कोई भी उम्मीदवार सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले में संलिप्त पाया गया तो उसके नामांकन को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.
  • कोर्ट ने राज्य सरकार और विधानसभा को तत्काल पंचायत चुनाव के लिए कानून बनाने के आदेश भी दिए हैं.
  • कोर्ट ने प्रदेश में अब तक पंचायत चुनाव के लिए नियम नहीं बनाए जाने पर चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई.
  • कोर्ट ने सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार और चुनाव आयोग को आदेश दिए हैं कि पंचायतों के चुनाव खत्म होते ही जल्द से जल्द ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव कराएं ताकि इस प्रकार के भ्रष्टाचार खत्म हो सके.
  • कोर्ट ने पंचायत सदस्यों के नेपाल भ्रमण पर जाने वाले प्रत्याशियों पर नजर रखने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं.

बता दें कि देहरादून निवासी विपुल जैन ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव में सदस्यों की बड़ी संख्या में बोली लगाई जाती है. इतना ही नहीं सदस्यों के वोटों की खरीद-फरोख्त की जाती है. साथ ही वोटों के नाम पर जिला पंचायत के सदस्यों को देश-विदेश टूर पर भेजा जाता है. चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं. साथ ही इन चुनावों के दौरान पंचायत सदस्यों का अपहरण भी कर लिया जाता है. जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ती है, लिहाजा इस चुनाव व्यवस्था को सुधारने के लिए कोर्ट राज्य सरकार को दिशा निर्देश दे.

नैनीताल: उत्तराखंड पंचायत चुनाव में पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त और उनको विदेश घुमाने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने 34 बिंदुओं का एक आदेश पारित किया है. जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार और विधानसभा को पंचायत चुनाव के लिए तत्काल कड़े कानून बनाने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- गोल्डन फॉरेस्ट की 486 हेक्टेयर जमीन आएगी सरकार के काम, CM त्रिवेंद्र ने दी हरी झंडी

कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश

  • मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि पंचायत चुनाव में जीते सदस्यों के पासपोर्ट की नियमित चेकिंग की जाए.
  • कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह सदस्यों की खरीद-फरोख्त के लिए अधिकारियों की नियुक्ति करें. सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले में शिकायत लिखित ही नहीं बल्कि मौखिक रूप में भी दर्ज की जाएगी.
  • वहीं कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को आदेश दिए हैं कि ब्लाक प्रमुख समेत जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवारों को सूचित करें कि अगर कोई भी उम्मीदवार सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले में संलिप्त पाया गया तो उसके नामांकन को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.
  • कोर्ट ने राज्य सरकार और विधानसभा को तत्काल पंचायत चुनाव के लिए कानून बनाने के आदेश भी दिए हैं.
  • कोर्ट ने प्रदेश में अब तक पंचायत चुनाव के लिए नियम नहीं बनाए जाने पर चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई.
  • कोर्ट ने सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार और चुनाव आयोग को आदेश दिए हैं कि पंचायतों के चुनाव खत्म होते ही जल्द से जल्द ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव कराएं ताकि इस प्रकार के भ्रष्टाचार खत्म हो सके.
  • कोर्ट ने पंचायत सदस्यों के नेपाल भ्रमण पर जाने वाले प्रत्याशियों पर नजर रखने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं.

बता दें कि देहरादून निवासी विपुल जैन ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव में सदस्यों की बड़ी संख्या में बोली लगाई जाती है. इतना ही नहीं सदस्यों के वोटों की खरीद-फरोख्त की जाती है. साथ ही वोटों के नाम पर जिला पंचायत के सदस्यों को देश-विदेश टूर पर भेजा जाता है. चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं. साथ ही इन चुनावों के दौरान पंचायत सदस्यों का अपहरण भी कर लिया जाता है. जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ती है, लिहाजा इस चुनाव व्यवस्था को सुधारने के लिए कोर्ट राज्य सरकार को दिशा निर्देश दे.

Intro:Summry

पंचायत चुनाव में पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कानून बनाने के लिए आदेश।

Intro

प्रदेश के पंचायती चुनाव में पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त और उनको विदेश घुमाने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते दे आज 34 बिंदु वाला अपना आदेश पारित किया है, जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार और विधानसभा को पंचायत चुनाव के लिए तत्काल कड़े कानून बनाने के निर्देश दिए हैं।


Body:नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुरक्षित रखा था और आज मामले में फैसला देते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि पंचायत चुनाव में जीते सदस्यों के पासपोर्ट की नियमित चेकिंग की जाए,

2- कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह सदस्यों की खरीद-फरोख्त के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की करें जो सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले में शिकायत दर्ज करेंगे ई कोर्ट ने कहा कि शिकायत केवल लिखित नहीं बल्कि मौखिक रूप में भी दर्ज की जाएगी।

3- वहीं कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को आदेश दिए हैं की ब्लाक प्रमुख समेत जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवारों को सूचित करें कि अगर कोई भी उम्मीदवार सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले में संलिप्त पाया गया तो उसके नामांकन को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।

4- कोर्ट ने राज्य सरकार और विधानसभा को तत्काल पंचायत चुनाव के लिए कानून बनाने के आदेश भी दिए हैं।

5- वहीं कोर्ट ने प्रदेश में अब तक पंचायत चुनाव के लिए नियम नहीं बनाए जाने पर चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई।

6- वहीं कोर्ट ने सदस्यों की खरीद-फरोख्त के मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार और चुनाव आयोग को आदेश दिए हैं कि पंचायतों के चुनाव खत्म होते ही जल्द से जल्द ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव कराएं ताकि इस प्रकार के भ्रष्टाचार खत्म हो सके।

7- वहीं कोर्ट ने पंचायत सदस्यों के नेपाल भ्रमण पर जाने वाले प्रत्याशियों पर नजर रखने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं।


Conclusion:आपको बता दें कि देहरादून निवासी विपुल जैन ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश के पंचायती चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख के चुनाव में सदस्यों की बड़ी संख्या में बोली लगाई जाती है और सदस्यों के वोटों की खरीद-फरोख्त की जाती है, साथ ही वोटों के नाम पर जिला पंचायत के सदस्यों को देश विदेश टूर पर भेजा जाता है और चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं, साथ ही इन चुनावों के दौरान पंचायत सदस्यों का अपहरण भी कर लिया जाता है जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ती है लिहाजा इस चुनाव व्यवस्था को सुधारने के लिए कोर्ट राज्य सरकार को दिशा निर्देश दे।

बाईट- अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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