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HC का आदेश, 23 मार्च तक सार्वजनिक और सरकारी जगहों पर बने अवैध धार्मिक स्थल हटाएं

हाईकोर्ट ने सार्वजनिक और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को 23 मार्च तक हटाने के आदेश सरकार को दिए हैं.

Nainital High Court
सार्वजनिक जगहों पर बने अवैध धार्मिक स्थल हटाए जाएंगे
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Published : Mar 4, 2020, 11:49 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने सार्वजनिक और सरकारी स्थान पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को हटाने का आदेश सरकार को दिया है. मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को 23 मार्च 2020 तक सार्वजनिक स्थानों और सरकारी भूमि पर बने धार्मिक स्थलों को हटाने का आदेश दिया है.

कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए एक साल का समय मांगा. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए 23 मार्च तक अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने का आदेश दिया है.

उत्तराखंड में सार्वजनिक और सरकारी भूमि पर बने हुए धार्मिक स्थलों के मामले हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश और रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लिया था और मामले को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

ये भी पढ़ें: कोरोना का कहर: अब मास्क पहनकर पुलिस करेगी काम

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 29 सितंबर 2009 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर कोई भी धार्मिक स्थल नहीं बनाया जाएगा. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को 23 मार्च 2020 तक उत्तराखंड में बने सभी अवैध धार्मिक स्थलों को हटाकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने सार्वजनिक और सरकारी स्थान पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को हटाने का आदेश सरकार को दिया है. मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को 23 मार्च 2020 तक सार्वजनिक स्थानों और सरकारी भूमि पर बने धार्मिक स्थलों को हटाने का आदेश दिया है.

कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए एक साल का समय मांगा. जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए 23 मार्च तक अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने का आदेश दिया है.

उत्तराखंड में सार्वजनिक और सरकारी भूमि पर बने हुए धार्मिक स्थलों के मामले हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश और रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लिया था और मामले को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 29 सितंबर 2009 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर कोई भी धार्मिक स्थल नहीं बनाया जाएगा. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को 23 मार्च 2020 तक उत्तराखंड में बने सभी अवैध धार्मिक स्थलों को हटाकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.

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