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HC ने मंत्री यतीश्वरानंद को जारी किया अवमानना नोटिस, 16 नवंबर तक जवाब देने का आदेश - नीतू भंडारी को अवमानना का नोटिस

नैनीताल हाईकोर्ट ने कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद और डिप्टी रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी हरिद्वार नीतू भंडारी को अवमानना नोटिस जारी किया है. मामला महाविद्यालय महासभा ज्वालापुर हरिद्वार से जुड़ा है.

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नैनीताल
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Published : Oct 29, 2021, 5:29 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद व डिप्टी रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी हरिद्वार नीतू भंडारी को अवमानना का नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दोनों को 16 नवंबर तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के मुताबिक महाविद्यालय महासभा ज्वालापुर हरिद्वार ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि महासभा कई स्कूल और कॉलेजों का संचालन करती है. महासभा में स्वामी यतीश्वरानंद मंत्री पद पर थे. लेकिन कुछ मतभेद होने के कारण महासभा की प्रबंधन समिति द्वारा उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था. इसके बाद आदेश को स्वामी यतीश्वरानंद ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. लेकिन हाईकोर्ट ने मामले को खारीज कर दिया.

ये भी पढ़ेंः बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में निर्माण पर लगी रोक रहेगी जारी, HC ने सुनाया फैसला

महासभा का कहना है कि इस दौरान स्वामी यतीश्वरानंद ने 31 अगस्त 2021 को कैबिनेट मंत्री पद की धमक दिखाते डिप्टी रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी के ऊपर दबाव डालकर महासभा द्वारा बर्खास्तगी के आदेश को फिर से बहाल करा लिया. हालांकि, डिप्टी रजिस्टार के आदेश पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बर्खास्तगी बहाल के आदेश पर रोक लगा दी थी. लेकिन महासभा का कहना है कि इसके बाद भी स्वामी यतीश्वरानंद खुद को महासभा के मंत्री होने का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. इससे परेशान होकर महाविद्यालय महासभा द्वारा डिप्टी रजिस्ट्रार व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद व डिप्टी रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी हरिद्वार नीतू भंडारी को अवमानना का नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दोनों को 16 नवंबर तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के मुताबिक महाविद्यालय महासभा ज्वालापुर हरिद्वार ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि महासभा कई स्कूल और कॉलेजों का संचालन करती है. महासभा में स्वामी यतीश्वरानंद मंत्री पद पर थे. लेकिन कुछ मतभेद होने के कारण महासभा की प्रबंधन समिति द्वारा उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था. इसके बाद आदेश को स्वामी यतीश्वरानंद ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. लेकिन हाईकोर्ट ने मामले को खारीज कर दिया.

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महासभा का कहना है कि इस दौरान स्वामी यतीश्वरानंद ने 31 अगस्त 2021 को कैबिनेट मंत्री पद की धमक दिखाते डिप्टी रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी के ऊपर दबाव डालकर महासभा द्वारा बर्खास्तगी के आदेश को फिर से बहाल करा लिया. हालांकि, डिप्टी रजिस्टार के आदेश पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बर्खास्तगी बहाल के आदेश पर रोक लगा दी थी. लेकिन महासभा का कहना है कि इसके बाद भी स्वामी यतीश्वरानंद खुद को महासभा के मंत्री होने का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. इससे परेशान होकर महाविद्यालय महासभा द्वारा डिप्टी रजिस्ट्रार व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की.

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