नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा विकास कार्यों में भारी अनियमितताएं किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी को नोटिस जारी किया है. साथ ही नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, डीएम अल्मोड़ा, सीडीओ अल्मोड़ा, एसडीएम भिकियासैंण, बीडीओ स्याल्दे से 4 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 7 मार्च की तिथि नियत की है.
मामले के अनुसार अल्मोड़ा जनपद की स्याल्दे ब्लॉक की रुडोली निवासी बचे सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके ग्राम पंचायत में साल 2014 से 2019 के बीच में 56 विकास योजनाएं आई थीं. इन योजनाओं में ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा विकास के नाम पर लाखों रुपये की अनियमितताएं की गई. इनके द्वारा उन लोगों के नाम मस्टरोल में भरे गए, जिनकी मृत्यु हो गयी है.
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इसके साथ ही शिक्षकों व बाहर कार्य करने वालो के नाम भरे गए है. ग्राम विकास अधिकारी द्वारा इसकी पुष्टि करने के बाद ग्राम प्रधान को पेमेंट भी कर दिया. उनके द्वारा इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से भी की गई लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस मामले की जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सरकारी धन की रिकवरी की जाए.